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This Article is From Apr 20, 2017

दिल्ली के पांच सितारा होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी को सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई हरी झंडी

दिल्ली के पांच सितारा होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी को सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली: नई दिल्ली के पॉश मानसिंह रोड पर बने ताज मानसिंह होटल की ई-नीलामी को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने NDMC को कहा है कि अगर नीलामी में टाटा ग्रुप को सफलता नहीं मिलती तो उसे होटल खाली करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया जाए.  इससे पहले NDMC ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि वो ई-ऑक्शन कराना चाहती है.

कोर्ट ने टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड IHCL को कहा था अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो वो एक हफ्ते में जवाब दाखिल करें. इसी साल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने NDMC को टाटा ग्रुप की लीज ना बढ़ाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में NDMC ने सही से कारवाई नहीं की और कानूनी अधिकारियों की राय को दबाया, जिसमें टाटा ग्रुप को लीज बढ़ाने को कहा गया था.

NDMC छह हफ्ते में फैसला लें और कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करे. अब होटल की नीलामी के लिए टाटा ग्रुप को पहले मौका दिया जाए. अगर वह लाइसेंस के लिए नीलामी में तय रकम नहीं दे पाए तो इसके बाद ही जो बड़ी बोली लगाए, उसे लीज दी जाये.

गौरतलब है कि मानसिंह रोड पर बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिससे नीलामी रुक गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी को राहत मिली थी और कोर्ट ने NDMC की मांग को दरकिनार कर दिया था जिसमें उन्होंने 31 मार्च से बाद होटल में कंपनी कोई बुकिंग ना ले. कोर्ट ने कहा था कि चलते हुए बिजनेस पर रोक नहीं लगा सकते.

दिल्ली हाईकोर्ट मे टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) ने इस नीलामी के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसे 27 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और न्यू दिल्ली म्यूनिसिपल कोरपोरेशन NDMC को होटल की नीलामी करने को हरी झंडी दे दी थी. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. टाटा ग्रुप की IHCL ही ताज मानसिंह होटल चलाती है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि कंपनी को लाइसेंस में एक्सटेंशन पाने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि ये अधिकार NDMC के पास है.

दरअसल एनडीएमसी के स्वामित्व वाली इस संपत्ति को 1976 में आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था और एग्रीमेंट के तहत 11 मंजिला होटल तैयार कर चलाया जा रहा था. यह पट्टा 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद विभिन्न आधार पर कंपनी को इसका नौ बार अस्थायी विस्तार दिया गया.

इसमें से तीन विस्तार तो अकेले पिछले साल दिए गए. एनडीएमसी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह होटल की नीलामी के लिए संपत्तियों का आकलन कर रही है. इस संपत्ति की नीलामी में पहले ही काफी देरी हो चुकी है.

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