यह ख़बर 15 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एमसीडी चुनाव : तीन बजे तक 40 फीसदी मतदान

खास बातें

  • दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए मतदान की शुरुआत हल्की-फुल्की रही और अपराह्न तीन बजे तक कुल 1.15 करोड़ मतदाताओं में से करीब 40 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
नई दिल्ली:

दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान की शुरुआत हल्की-फुल्की रही और अपराह्न तीन बजे तक राजधानी के कुल 1.15 करोड़ मतदाताओं में से करीब 40 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के चलते मतदान देरी से शुरू हुई। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य परवेज हाशमी समेत कुछ लोगों ने मतदाता सूची में अपने नाम नहीं होने की शिकायत की। अपराह्न तीन बजे तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं मिली, हालांकि पश्चिम दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में कथित फर्जी मतदान के मामले में दो लोगों को पकड़ा गया। जनकपुरी के पास एक मतदान केंद्र से कुछ तनाव की खबर है। वहां पुलिस ने लोगों को एकत्रित होने से रोका था, जिसके बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए, लेकिन बाद में स्थिति को काबू में कर लिया गया।

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अपराह्न तीन बजे तक करीब 40 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।’’ 2007 के नगर निगम चुनाव में करीब 99 लाख मतदाताओं में से 42.78 प्रतिशत ने ही मतदान किया था।

राजधानी में 83 हजार पुलिसकर्मी मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं। दिल्ली नगर निगम के तीन निकायों-पूर्वी, दक्षिण और उत्तरी के 272 वाडरें के लिए 2,423 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं।

मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। मतगणना मंगलवार को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि दोपहर 12 बजे तक 18 से 20 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।

राज्य निर्वाचन आयुक्त राकेश मेहता ने कहा, ‘‘लोगों में बहुत उत्साह देखा जा रहा है। मालवीय नगर और वसंत विहार जैसी जगहों पर अभी कम लोगों ने मतदान किया है लेकिन मुझे सुहाने मौसम के चलते मतदान प्रतिशत में इजाफे की उम्मीद है।’’ मेहता ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है और शहर के किसी हिस्से से किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं है।

महिपालपुर और सैद-उल-अजायब जैसे इलाकों में कुछ मतदान केंद्रों पर सुबह के समय लंबी कतारें देखी गयीं। सुबह के वक्त कतारों में बड़ी संख्या में बुजुर्ग नागरिकों और महिलाओं को भी देखा गया। चांदनी चौक में मतदान करने वाले 91 साल के रतिलाल शाह ने कहा, ‘‘सभी को वोट डालना चाहिए। उन्हें सबसे अच्छे लोगों का चुनाव करना चाहिए, चाहे वे किसी भी दल के हों।’’ उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद से उन्होंने हर चुनाव में वोट डाला है।

कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़गड़ी के बाद मतदान देरी से शुरू हो पाया। मेहता ने कहा कि उन्हें आठ से दस जगहों से इस तरह की खबरें मिलीं। इनमें सरिता विहार, नरेला, मंडवाली, मजनू का टीला, सदर बाजार और गोकुलपुरी आदि हैं।

नगर निगम चुनाव में कुल एक करोड़ 15 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जहां 42 लाख 95 हजार मतदाता हैं, वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 42 लाख 67 हजार मतदाता हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में मतदाताओं की संख्या 27 लाख 16 हजार है।

उत्तरी दिल्ली में 104 वार्ड हैं तथा दक्षिणी दिल्ली के वार्डों की संख्या भी 104 है। पूर्वी दिल्ली में 64 वार्ड हैं। 138 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। दक्षिणी दिल्ली में 904 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक उम्मीदवार हैं। उत्तरी दिल्ली में 885 और पूर्वी दिल्ली में 634 उम्मीदवार मैदान में हैं।

नगर निगम चुनावों को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि विपक्षी भाजपा के नेताओं का मानना है कि इनका परिणाम 18 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों का संकेत दे सकता है।

एमसीडी के मतदान के लिए करीब 11500 बूथ बनाए गए हैं। इनमें से 55 बूथ अतिसंवेदनशील हैं। मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए करीब 80 हजार पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।

एमसीडी मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए दूसरे राज्यों से भी जवानों को ड्यूटी पर लगाया गया है। साथ ही चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों पर 30−30 वीडियोग्राफरों को तैनात किया है। ताकि चुनाव से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रहे।

चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है लेकिन कई सीटों पर दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी भी इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दिल्ली एमसीडी पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है।

दिल्ली में एमसीडी चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए खासे मायने रखते हैं। अगले डेढ़ साल में दिल्ली में विधानसभा चुनाव है और ऐसे में ये एमसीडी चुनाव दिल्ली की सत्ता का सेमीफ़ाइनल है।

दिल्ली एमसीडी फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है और बीजेपी इस पर अपना कब्जा बरकार रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है… वहीं कांग्रेसी नेता भी अब तीन हिस्सों में बट चुकी एमसीडी पर कब्जा जमाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं…

नगर निगम चुनाव में कुल एक करोड़ 15 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जहां 42 लाख 95 हजार मतदाता हैं, वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 42 लाख 67 हजार मतदाता हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में मतदाताओं की संख्या 27 लाख 16 हजार है।

उत्तरी दिल्ली में 104 वार्ड हैं तथा दक्षिणी दिल्ली के वार्डों की संख्या भी 104 है। पूर्वी दिल्ली में 64 वार्ड हैं। 138 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। दक्षिणी दिल्ली में 904 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक उम्मीदवार हैं। उत्तरी दिल्ली में 885 और पूर्वी दिल्ली में 634 उम्मीदवार मैदान में हैं।

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नगर निगम चुनावों को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि विपक्षी भाजपा के नेताओं का मानना है कि इनका परिणाम 18 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों का संकेत हो सकते हैं। अविभाजित दिल्ली नगर निगम में भाजपा के पाषर्दों की संख्या 164 है। कांग्रेस के 67 और बसपा के 17 पार्षद हैं। भाजपा शीला सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है, जबकि कांग्रेस दिल्ली नगर निगम में भाजपा पर ‘अक्षम और भ्रष्ट’ प्रशासन होने का आरोप लगाती आई है।
(इनपुट भाषा से भी)