आईबी के अफसर अंकित शर्मा की हत्या कैसे और किन लोगों ने की, इसका जल्द राजफाश हो सकता है. जांच में जुटी एसआईटी को अहम सुराग हाथ लगे हैं. एसआईटी को वह वीडियो हाथ लग गया है, जिसमें अंकित शर्मा की हत्या के राज छुपे हैं. यह वीडियो एक आम नागरिक ने भेजा है. खुद गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इसके संकेत दिए. गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली दंगों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि दंगे में शामिल लोगों की पहचान के लिए विज्ञापनों आदि के जरिए जनता से वीडियो मंगवाए गए. हजारों की संख्या में वीडियो पुलिस के पास पहुंचे हैं. हमें आशा कि वीडियो से अंकित शर्मा के खून का भी भेद खुल जाएगा, जो कि किसी नागरिक ने भेजा है.
अमित शाह की इन बातों से संकेत मिल रहे हैं कि एसआईटी को अंकित शर्मा की हत्या के दौरान का वीडियो भी हाथ लगा है.दिल्ली दंगों की जांच कर रही पुलिस ने चेहरों की पहचान के लिए आइडेंटिफिकेशन साफ्टवेयर का सहारा लिया है. इसमें दिल्ली के कुल 12 थाना क्षेत्रों के कुल 61 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के करीब 20 लाख लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि के चेहरों का डेटा डाला गया है और सीसीटीवी तथा जनता की ओर से भेजे गए वीडियो के चेहरों का मिलान किया जा रहा है.
अब तक 11 सौ से ज्यादा लोगों की पहचान हो चुकी है. इसमें तीन सौ से ज्यादा लोग यूपी से दंगा करने के लिए आए थे. इससे गहरी साजिश का खुलासा होता है. खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि एक ही समुदाय के 1100 लोगों को पकड़ने की बात गलत है. पुलिस ने कुल 2647 लोगों को हिरासत में या फिर गिरफ्तार किया है.
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