नई दिल्ली:
दिल्ली के मध्य हिस्से में लगभग 100 युवाओं द्वारा बाइक पर स्टंट करना तब त्रासदी में बदल गया, जब रविवार को तड़के दिल्ली पुलिस द्वारा चलाई गई गोली में बाइक पर पीछे बैठे एक युवक की मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात पुलिस निरीक्षक रजनीश परमार ने अपने रिवॉल्वर से गोली चलाई थी। परमार ने एक मोटरसाइकिल के पिछले पहिए को पंचर करने के लिए गोली चलाई थी, लेकिन गोली पहिए में लगने की बजाय बाइक पर पीछे बैठे करण पांडे की पीठ में लग गई।
बाइक सवार पुनीत शर्मा भी बाइक से गिर पड़ा और घायल हो गया। दोनों बाइक सवारों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर निवासी करण पांडे की रविवार सुबह लगभग 2.30 बजे मौत हो गई।
यह सारा घटनाक्रम शनिवार की मध्यरात्रि शुरू हुआ, जब पुलिस को बताया गया कि दिल्ली के मध्य भाग में गोल डाकखाना के नजदीक 35 से 40 मोटरसाइकिलों पर 100 के लगभग युवक खतरनाक स्टंट कर रहे हैं। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो मोटरसाइकिल सवार वहां से केंद्रीय दिल्ली की ओर भागे।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "जब पुलिस वहां पहुंची, मोटरसाइकिल सवार ली मेरेडियन होटल की ओर भागे, जहां एकजुट होकर उन्होंने पुलिस पीसीआर वाहनों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।"
भगत ने बताया कि एक चिकित्सकीय परीक्षण में बताया गया कि मोटरसाइकिल चलाने वाला पुनीत शर्मा उस समय शराब के नशे में था।
पुलिस परमार द्वारा गोली चलाने को सही ठहरा रही है, लेकिन इस बात पर भी जोर दे रही है कि उनकी मंशा किसी की जान लेना नहीं था।
पुलिस उपायुक्त एसबीएस त्यागी ने कहा, "कई बार ऐसा होता है कि हमें गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पुलिस निरीक्षक मोटरसाइकिल के पिछले पहिए पर निशाना लगा रहे थे, लेकिन तभी बाइक चालक ने स्टंट किया और गोली पांडे की पीठ में जा लगी।"
इससे पहले दक्षिणी दिल्ली में सराय काले खां और दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाइवे पर भी स्टंट करने की खबरें आ चुकी हैं।
पुलिस की गोली से मारे गए पांडे के परिवार वालों ने पांडे को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी को आजीवन कारावास दिए जाने की मांग की है।
पांडे की मां मंजू पांडे ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा घर से कब निकला। पुलिस ने हमें सुबह 6.30 बजे बताया कि हमारा बेटा घायल है और अस्पताल में भर्ती है। जब हम अस्पताल पहुंचे तब हमें पता चला कि वह मर चुका है।"
घायल हुए दूसरे बाइक सवार शर्मा के परिवार वालों ने बताया कि वह शनिवार की रात यह कहकर गया था कि वह अगली सुबह लौटेगा।
शर्मा की मां कुसुमलता ने कहा, "अगर हमारे बच्चों ने गलती की भी है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पुलिस ने आखिर गोली क्यों चलाई?"
पुलिस ने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात पुलिस निरीक्षक रजनीश परमार ने अपने रिवॉल्वर से गोली चलाई थी। परमार ने एक मोटरसाइकिल के पिछले पहिए को पंचर करने के लिए गोली चलाई थी, लेकिन गोली पहिए में लगने की बजाय बाइक पर पीछे बैठे करण पांडे की पीठ में लग गई।
बाइक सवार पुनीत शर्मा भी बाइक से गिर पड़ा और घायल हो गया। दोनों बाइक सवारों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर निवासी करण पांडे की रविवार सुबह लगभग 2.30 बजे मौत हो गई।
यह सारा घटनाक्रम शनिवार की मध्यरात्रि शुरू हुआ, जब पुलिस को बताया गया कि दिल्ली के मध्य भाग में गोल डाकखाना के नजदीक 35 से 40 मोटरसाइकिलों पर 100 के लगभग युवक खतरनाक स्टंट कर रहे हैं। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो मोटरसाइकिल सवार वहां से केंद्रीय दिल्ली की ओर भागे।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "जब पुलिस वहां पहुंची, मोटरसाइकिल सवार ली मेरेडियन होटल की ओर भागे, जहां एकजुट होकर उन्होंने पुलिस पीसीआर वाहनों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।"
भगत ने बताया कि एक चिकित्सकीय परीक्षण में बताया गया कि मोटरसाइकिल चलाने वाला पुनीत शर्मा उस समय शराब के नशे में था।
पुलिस परमार द्वारा गोली चलाने को सही ठहरा रही है, लेकिन इस बात पर भी जोर दे रही है कि उनकी मंशा किसी की जान लेना नहीं था।
पुलिस उपायुक्त एसबीएस त्यागी ने कहा, "कई बार ऐसा होता है कि हमें गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पुलिस निरीक्षक मोटरसाइकिल के पिछले पहिए पर निशाना लगा रहे थे, लेकिन तभी बाइक चालक ने स्टंट किया और गोली पांडे की पीठ में जा लगी।"
इससे पहले दक्षिणी दिल्ली में सराय काले खां और दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाइवे पर भी स्टंट करने की खबरें आ चुकी हैं।
पुलिस की गोली से मारे गए पांडे के परिवार वालों ने पांडे को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी को आजीवन कारावास दिए जाने की मांग की है।
पांडे की मां मंजू पांडे ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा घर से कब निकला। पुलिस ने हमें सुबह 6.30 बजे बताया कि हमारा बेटा घायल है और अस्पताल में भर्ती है। जब हम अस्पताल पहुंचे तब हमें पता चला कि वह मर चुका है।"
घायल हुए दूसरे बाइक सवार शर्मा के परिवार वालों ने बताया कि वह शनिवार की रात यह कहकर गया था कि वह अगली सुबह लौटेगा।
शर्मा की मां कुसुमलता ने कहा, "अगर हमारे बच्चों ने गलती की भी है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पुलिस ने आखिर गोली क्यों चलाई?"
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