नई दिल्ली:
पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर में बलात्कार की शिकार बनी पांच साल की बच्ची के पिता को मामले को दबाने की एवज में कथित तौर पर 2,000 रुपये की पेशकश करने वाले एक पुलिसकर्मी की पहचान हो गई है। दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा इस बाबत गुरुवार को रिपोर्ट दे सकती है।
सूत्रों ने बताया कि इस आरोप की जांच कर रही सतर्कता शाखा ने पीड़ित बच्ची के पिता की मदद से एक कांस्टेबल की पहचान कर ली है।
बहरहाल, यह कहते हुए पुलिस कांस्टेबल की पहचान का खुलासा नहीं किया गया कि इस सिलसिले में एक सतर्कता जांच चल रही है।
बच्ची के पिता ने 19 अप्रैल को आरोप लगाया था कि 18 अप्रैल को ‘‘एक पुलिसकर्मी आया और मुझसे मेरे घर के बाहर आने को कहा। उसने मुझसे कहा कि लोगों को इस मामले में शामिल करने से कुछ नहीं होने वाला है। उसने कहा कि तुम्हें अपनी बच्ची का ख्याल रखना चाहिए और उसके साथ ही रहना चाहिए।’’
पीड़िता के पिता ने आगे कहा, ‘‘उसने कहा कि लोग तुम्हारी मदद नहीं करेंगे। फिर उसने मुझे 2,000 रुपये दिए और चला गया। उसने कहा कि मुझे इस पैसे से अपना खर्च निकाल लेना चाहिए।’’
दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार ने सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बच्ची के पिता को मामले को दबाने की एवज में 2,000 रुपये की पेशकश करने वाले दो पुलिसकर्मियों - एक वर्दीधारी जबकि दूसरा बिना वर्दी का, की पहचान में इसलिए देर हुई है क्योंकि बच्ची के पिता अस्पताल में होने की वजह से थाने नहीं आ पाए। कुमार ने यह भी कहा था कि गांधीनगर थाने के पुलिसकर्मी बारी-बारी से एम्स जाकर बच्ची के पिता से मिलेंगे ताकि वह दोषियों की पहचान कर सकें।
पुलिस आयुक्त ने कहा था, ‘‘जैसे ही उनकी पहचान हो जाएगी, उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ सतर्कता जांच कराई जाएगी। सतर्कता जांच के आधार पर एक नियमित विभागीय जांच भी कराई जाएगी।’’
सूत्रों ने बताया कि इस आरोप की जांच कर रही सतर्कता शाखा ने पीड़ित बच्ची के पिता की मदद से एक कांस्टेबल की पहचान कर ली है।
बहरहाल, यह कहते हुए पुलिस कांस्टेबल की पहचान का खुलासा नहीं किया गया कि इस सिलसिले में एक सतर्कता जांच चल रही है।
बच्ची के पिता ने 19 अप्रैल को आरोप लगाया था कि 18 अप्रैल को ‘‘एक पुलिसकर्मी आया और मुझसे मेरे घर के बाहर आने को कहा। उसने मुझसे कहा कि लोगों को इस मामले में शामिल करने से कुछ नहीं होने वाला है। उसने कहा कि तुम्हें अपनी बच्ची का ख्याल रखना चाहिए और उसके साथ ही रहना चाहिए।’’
पीड़िता के पिता ने आगे कहा, ‘‘उसने कहा कि लोग तुम्हारी मदद नहीं करेंगे। फिर उसने मुझे 2,000 रुपये दिए और चला गया। उसने कहा कि मुझे इस पैसे से अपना खर्च निकाल लेना चाहिए।’’
दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार ने सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बच्ची के पिता को मामले को दबाने की एवज में 2,000 रुपये की पेशकश करने वाले दो पुलिसकर्मियों - एक वर्दीधारी जबकि दूसरा बिना वर्दी का, की पहचान में इसलिए देर हुई है क्योंकि बच्ची के पिता अस्पताल में होने की वजह से थाने नहीं आ पाए। कुमार ने यह भी कहा था कि गांधीनगर थाने के पुलिसकर्मी बारी-बारी से एम्स जाकर बच्ची के पिता से मिलेंगे ताकि वह दोषियों की पहचान कर सकें।
पुलिस आयुक्त ने कहा था, ‘‘जैसे ही उनकी पहचान हो जाएगी, उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ सतर्कता जांच कराई जाएगी। सतर्कता जांच के आधार पर एक नियमित विभागीय जांच भी कराई जाएगी।’’
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