जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्रों पर हुए हमले के बाद अब आरोपियों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस सबूतों को खंगाल रही है. पुलिस खासतौर पर कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की भी जांच कर रही है, ताकि नकाबपोश आरोपियों की पहचान की जा सके. JNU में हुई मारपीट में 40 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी. जिनमें छात्र और शिक्षक भी शामिल थे. इन सब के बीच अब दिल्ली पुलिस ने इस हमले को लेकर एक बयान जारी किया है. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि रविवार शाम 5 बजे के आसपास पीसीआर कॉल मिली थी. पिछले कुछ दिन से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर छात्रों के बीच टकराव चल रहा था. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सादा वर्दी में पुलिस एडमिन ब्लॉक में रहती है लेकिन जो हिंसा हुई वो वहां से दूर हुई.
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रंधावा ने कहा कि इस पूरी घटना में 34 लोग घायल हुए और सभी को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. हम सीसीटीवी और दूसरे सबूत इकट्ठे कर रहे हैं. जांच क्राइम ब्रांच कर रही है लेकिन एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, जिसकी जांच जॉइंट सीपी शालिनी सिंह कर रही हैं. हमें 7:45 पर वीसी ने अंदर आने की परमिशन दी. हमारी पीसीआर और जो पुलिस वहां थी तो तुरंत मौके पर पहुंची. बाद में हम वीसी की परमिशन से अंदर गए. उन्होंने कहा कि हम वॉट्सऐप ग्रुप और कोड वर्ड के बारे में जांच कर रहे हैं. बाहरी लोग अंदर कैसे गए इसकी जांच की जा रही है.
क्या है मामले में दर्ज एफआईआर में...
जेएनयू एफआईआर के अनुसार, जेएनयू के छात्र पिछले कुछ दिनों से हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विरोध की अनुमति नहीं है. एक इंस्पेक्टर की अगुवाई में एक पुलिस दल 5 जनवरी को अपराह्न 3.45 बजे प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात किया गया, कुछ छात्रों के बारे में सूचना मिली कि पेरियार हॉस्टल में इकट्ठा हुए हैं और उनके बीच लड़ाई हुई है और वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. निरीक्षक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पेरियार हॉस्टल पहुंचे जहां उन्होंने लगभग 50 लोगों को नकाब पहने और लाठियों से लैस पाया.
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भीड़ हॉस्टल में छात्रों को पीट रही थी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही थी. लेकिन पुलिस को देखकर वे सभी भाग गए. लेकिन शाम करीब 7 बजे साबरमती हॉस्टल में भड़की हिंसा और छात्रों की पिटाई के बारे में हिंसा के पीसीआर कॉल आने लगे. पीए सिस्टम की मदद से वैंडल्स को चेतावनी जारी की गई थी लेकिन वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और छात्रों की पिटाई कर रहे थे. वे सब भाग गए. कई छात्रों को चोटें आईं और उन्हें एम्स ले जाया गया. सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम में आईपीसी की धारा 145, 147, 148 149, 151 और धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
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