25 से अधिक मामले दर्ज, किसान यूनियनों तक की जांच होगी : ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस

पुलिस ने कहा है कि मामले में किसान संगठनों की भूमिका की भी जांच की जाएगी. किसान नेताओं ने विश्वासघात किया है.

नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड (Republic Day's tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस (Delhi police) की तरफ से आज पत्रकारों से बात की गयी. पुलिस की तरफ से कहा गया कि इस मामले में 25 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने कहा है कि मामले में किसान संगठनों की भूमिका की भी जांच की जाएगी. किसान लीडर्स ने विश्वासघात किया है.पुलिस कमिश्नर एसएन,श्रीवास्तव ने कहा कि 2 जनवरी को पुलिस को पता चला कि एक ट्रैक्टर रैली निकलने जा रही है.ये भी आह्वान किया गया कि बड़ी संख्या में लोग दिल्ली आएंगे. हमारी किसानों से 5 बार मीटिंग हुई. हमने उन्हें  26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली नहीं निकालने की सलाह दी लेकिन वो नहीं माने.

हमने फिर कहा कि वो केएमपी पर रैली निकाल लें.फिर बातचीत के बाद हमने उन्हें 3 रुट बताया.पहला सिंघू बॉर्डर,टिकरी बॉर्डर और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर. उस दिन रिपब्लिक डे परेड थी इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये तय हुआ कि कुछ कंडीशन लगाई जाएगी. शर्तों के तहत कहा गया कि रैली 12 बजे शुरू होगी और 5 बजे खत्म हो जाएगी.रैली का नेतृत्व उनके नेता करेंगे. 5 हजार  से अधिक ट्रैक्टर नहीं होने चाहिए. रैली में कोई हथियार लेकर नहीं आए. रैली शांतिपूर्ण हो. नेताओं ने लिखित परमिशन में सभी शर्तों को मंजूर किया था.

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फिर एक दिन पहले शाम को स्टेज पर मिलिटेंट तत्व को आगे कर दिया गया.इससे उनकी मंशा समझ आ गयी.मुकरबा चौक से रैली को जहां जाना था वो उधर नहीं गए.सतनाम सिंह पन्नू और दर्शनपाल ने भी दाहिने मुड़ने से मना कर दिया.इसी तरह से टीकरी से भी लोग तय समय से पहले आगे निकल गए.फिर बैरिकेड तोड़कर आगे निकल गए.पन्नू के भाषण के बाद भीड़ आगे बढ़ गयी.इसी तरह टीकरी बॉर्डर पर किसान 8 बजे आगे निकल गए.उनके नेता बूटा सिंह नांगलोई में बैठ गए और हिंसा शुरू कर दी.वहां से भी लोग लाल किले तक पहुंचे.

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उसी तरह ग़ाज़ीपुर से राकेश टिकैत के साथ और दूसरे किसान आगे तक आ गए.पुलिस ने संयम का रास्ता चुना क्योंकि हम जान माल का नुकसान नहीं चाहते थे.इस हिंसा में सभी किसान नेता शामिल रहे हैं.394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.पुलिस के 428 बेरिकेड ,30 पुलिस की गाड़ियां ,6 कंटेनर और डम्पर और दूसरे समान का नुकसान हुआ है.हमने टियर गैस का इस्तेमाल किया भीड़ को नियंत्रित करने में.लाल किले पर किसान संगठनों और धार्मिक झंडे लगाए गए.वो झंडे हमारी केस प्रोपेर्टी है.

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हम इस घटना को बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं.हम तकनीकी तरीके से उन चेहरों को पहचान रहे हैं. 25 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं.कोई भी दोषी छोड़ा नहीं जाएगा.चाहे कोई भी नेता हो.किसान लीडर्स ने विश्वासघात किया है.19 लोग अरेस्ट किये गए हैं.50 से ज्यादा हिरासत में हैं और बाकी लोगों से पूछताछ की जा रही है.इसकी जांच एसआईटी करेगी ,जिसमें स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को भी रखा गया है.

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