दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नक्सली ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के एक कमांडर अनुराग राम उर्फ अनुराग सदलोहर को गिरफ्तार किया है. आरोपी झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य के कई मामलों में वांछित है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के मुताबिक आरोपी साल 2014 में लॉक-अप की दीवार तोड़कर जशपुर कोर्ट से फरार हो गया था. पूछताछ के दौरान आरोपी अनुराग ने खुलासा किया कि वह साल 2012 में नक्सल ग्रुप पीएलएफआई के सदस्यों के संपर्क में आया था.
वहां से उसे हथियार मिले और वह लोगों से रंगदारी वसूलने लगा. उसकी अपने कुछ गांव के लोगों के साथ दुश्मनी थी. उसने अपने गांव के एक शख्स को मारने के इरादे से उसपर गोली चलाई थी. 2013 में अनुराग अपने साथियों के साथ हथियारों से लैस एक कारोबारी के घर में घुस गया और 2 लाख रुपये की मांग की. रुपये नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.
इस मामले में उसे गुमला में 2014 में गिरफ्तार कर लिया गया था. वह जशपुर के मामलों में भी वांछित था, इसलिए उसे रिमांड पर जशपुर लाया गया. 25 मई 2014 को न्यायालय की कार्यवाही खत्म होने के बाद शाम को उसे जिला लॉकअप में रखा गया था. उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर लॉकअप से भागने की योजना बनाई. योजना को अंजाम देते हुए वह लॉकअप से भाग निकला. तब से वह फरार चल रहा था.
आरोपी अनुराग एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है. उसने 8वीं तक पढ़ाई की है और PFLI में शामिल होने से पहले, वह मजदूरी करता था. इसके बाद, उसे पीएलएफआई के स्थानीय कैडर द्वारा नक्सल समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया. वह वर्ष 2012 में पीएलएफआई में शामिल हो गया.
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