वकील रोहित टंडन को ईडी ने अदालत में पेश किया
नई दिल्ली:
दिल्ली के वकील रोहित टंडन को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने अदालत में पेश किया और उनकी 14 दिन की हिरासत मांगी. साथ ही ईडी पारसमल लोढ़ा की भी हिरासत सात दिन बढ़ाने की मांग की है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद रोहित टंडन और पारसमल लोढ़ा को दो जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेजने के निर्देश दिए.
ईडी का कहना था कि बैंक और हवाला कारोबारियों की सांठगांठ से कालेधन को सफेद करने के इस खेल की कई कड़ियां जोड़ी जाना बाकी हैं.
रोहित टंडन से पहले ईडी ने कुछ दिन पहले एक कारोबारी पारसमल लोढ़ा को भी गिरफ़्तार किया. ईडी ने कहा कि लोढ़ा हवाला कारोबारी हैं. बुधवार को कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार किया गया. ईडी के मुताबिक, रोहित बैंक मैनेजर की मदद से हवाला कारोबारियों का पैसा सफेद कर रहे थे.
ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी
-38.53 करोड़ के 72 ड्राफ़्ट अलग-अलग नामों से तैयार किए गए.
-रोहित टंडन के कर्मचारियों ने बताया कि आशीष कुमार की मदद से पैसे इधर से उधर जा रहे थे.
-रोहित ने अपने सीए कमल जैन से कहा था कि वह आशीष की मदद लें.
रोहित टंडन के वकील ने अदालत में ये दलील दी
-छापों में जो 125 करोड़ मिले हैं, उनका टैक्स जमा किया जा चुका है.
-8 नवंबर के नोटिफिकेशन में अपने पास पैसा रखने की कोई सीमा नहीं है.
-वो पैसा रोहिट टंडन का है.
-अगर 24000 से ऊपर के भुगतान की सीमा टूटी है तो ये बैंक की ज़िम्मेदारी है ग्राहक की नहीं.
उधर ईडी का कहना है कि उसे पैसे के स्रोत देखने हैं. ये भी देखना है कि ज़मीनों की ख़रीद का पैसा किसका है.
ईडी का कहना था कि बैंक और हवाला कारोबारियों की सांठगांठ से कालेधन को सफेद करने के इस खेल की कई कड़ियां जोड़ी जाना बाकी हैं.
रोहित टंडन से पहले ईडी ने कुछ दिन पहले एक कारोबारी पारसमल लोढ़ा को भी गिरफ़्तार किया. ईडी ने कहा कि लोढ़ा हवाला कारोबारी हैं. बुधवार को कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार किया गया. ईडी के मुताबिक, रोहित बैंक मैनेजर की मदद से हवाला कारोबारियों का पैसा सफेद कर रहे थे.
ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी
-38.53 करोड़ के 72 ड्राफ़्ट अलग-अलग नामों से तैयार किए गए.
-रोहित टंडन के कर्मचारियों ने बताया कि आशीष कुमार की मदद से पैसे इधर से उधर जा रहे थे.
-रोहित ने अपने सीए कमल जैन से कहा था कि वह आशीष की मदद लें.
रोहित टंडन के वकील ने अदालत में ये दलील दी
-छापों में जो 125 करोड़ मिले हैं, उनका टैक्स जमा किया जा चुका है.
-8 नवंबर के नोटिफिकेशन में अपने पास पैसा रखने की कोई सीमा नहीं है.
-वो पैसा रोहिट टंडन का है.
-अगर 24000 से ऊपर के भुगतान की सीमा टूटी है तो ये बैंक की ज़िम्मेदारी है ग्राहक की नहीं.
उधर ईडी का कहना है कि उसे पैसे के स्रोत देखने हैं. ये भी देखना है कि ज़मीनों की ख़रीद का पैसा किसका है.
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