
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ी
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित रूप से झूठा हलफनामा दायर करने को लेकर अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली के नए आवेदन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री से आज जवाब मांगा. आरोप है कि हलफनामे में केजरीवाल ने गलत बयानी की कि उन्होंने पहले से चल रहे मानहानि के मामले में अपने वकील को केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहा था.
पढ़ें: AAP के दफ्तर को लेकर हाईकोर्ट ने LG का आदेश किया रद्द, अरविंद केजरीवाल का री-ट्वीट- BOOM
न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस संबंध में केजरीवाल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में उनसे जवाब मांगा है. उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर के लिए निर्धारित की है. अरुण जेटली ने केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
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उन्होंने अपने एक नए आवेदन में कहा है कि केजरीवाल ने जवाब में इससे इनकार किया है कि उन्होंने वरिष्ठ वकील को अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का निर्देश दिया था, हालांकि, उनके पूर्व वकील राम जेटमलानी ने दो दिन बाद ही इसका खंडन कर दिया था.
जेटली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और संदीप सेठी ने अदालत ने अनुरोध किया कि उन्हें गलत बयानी और हलफमाने में मिथ्या जानकारी देने कारण केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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उन्होंने अपने एक नए आवेदन में कहा है कि केजरीवाल ने जवाब में इससे इनकार किया है कि उन्होंने वरिष्ठ वकील को अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का निर्देश दिया था, हालांकि, उनके पूर्व वकील राम जेटमलानी ने दो दिन बाद ही इसका खंडन कर दिया था.
जेटली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और संदीप सेठी ने अदालत ने अनुरोध किया कि उन्हें गलत बयानी और हलफमाने में मिथ्या जानकारी देने कारण केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए.
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