Coronavirus Pandemic: दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना पीड़ित को वेंटिलेटर न मिलने का मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (PIL) दायर करने के निर्देश दिए. NDTV ने यह खबर दिखाई थी. खबर में दिखाया गया था कि किस तरह से धर्मेंद्र भारद्वाज अपनी कोरोना पीड़ित मां के लिए वेंटिलेटर ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. धर्मेंद्र ने कई हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की बात कही लेकिन मदद नहीं मिली जबकि दिल्ली सरकार के मुताबिक राजधानी में ज्यादातर वेंटिलेटर खाली पड़े हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में मामले का खुद संज्ञान लिया और कहा, 'यह वीडियो रिकॉर्डिंग जनता की समस्या के गंभीर मुद्दे को उठाती है. एक व्यक्ति जिसके परिवार में या जिसका कोई दोस्त कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है उसको हेल्पलाइन पर फोन करना चाहिए. न सिर्फ मामले को रिपोर्ट करने के लिए बल्कि यह जानकारी और मदद लेने के लिए भी कि अगर मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट कराने की जरूरत हो तो उसे किस अस्पताल में ले जाना है. हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों को सही और प्रभावी मदद देनी चाहिए. लेकिन धर्मेंद्र भारद्वाज के अनुभव को देखें तो ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने इस पहलू पर ठीक से ध्यान नहीं दिया.'
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया ' दिल्ली सरकार ने 10 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिनमें से कुछ पीड़ित ने डायल भी किए हैं. हेल्पलाइन नंबर ठीक से काम नहीं कर रहे थे जिनको ठीक करने के आदेश दे दिए गए हैं जबकि एक हेल्पलाइन नंबर 1075 केंद्र सरकार चलाती है. मामले में केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने कोर्ट से कहा कि 1075 ऑल इंडिया हेल्पलाइन नंबर है. इस पर अब तक 3 लाख कॉल आ चुके हैं. धर्मेंद्र भारद्वाज को डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर का नंबर दिया गया था जो दिल्ली सरकार का अधिकारी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा है. यह दोनों ही सरकारें कोर्ट को न सिर्फ इस मामले के बारे में अपना जवाब देंगी बल्कि दिल्ली के अंदर कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए इंतजामों की क्या स्थिति है, इसकी भी जानकारी देंगी. हेल्पलाइन नंबर कितने प्रभावी हैं और उनकी क्या स्थिति है इस पर भी जवाब देना होगा. अब इस मामले की सुनवाई 3 जून को खुद दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करेंगे
यह है मामला
सोमवार को NDTV ने धर्मेंद्र भारद्वाज नाम के एक व्यक्ति के वायरल हुए वीडियो की खबर दिखाई थी. वीडियो में धर्मेंद्र बता रहे थे कि उनकी मां एक प्राइवेट अस्पताल में सांस लेने में हुई समस्या के चलते भर्ती हुई. टेस्ट हुआ तो वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं. जिसके बाद अस्पताल ने धर्मेंद्र भारद्वाज से कहा कि उनकी माताजी को वेंटिलेटर की जरूरत है जो अस्पताल के पास नहीं है और अस्पताल कहीं से भी वेंटीलेटर का इंतजाम नहीं कर पा रहा है इसलिए धर्मेंद्र खुद कहीं से वेंटीलेटर का इंतजाम कर ले. धर्मेंद्र ने अपने इमोशनल वीडियो में बताया कि उन्होंने कई हॉस्पिटल के चक्कर काटे और कई हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली. हालांकि धर्मेंद्र का यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अस्पताल ने मजबूरन उनकी मां को वेंटिलेटर उपलब्ध करवा दिया. फिलहाल धर्मेंद्र भारद्वाज की माताजी कोरोना पीड़ित हैं और वेंटिलेटर पर हैं
दिल्ली सरकार का नोटिस
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले का जिक्र किया और बताया कि इस मामले में अस्पताल ने जो किया वह गलत है इसलिए अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा गया है कि उनका लाइसेंस रद्द क्यों नकिया जाए. केजरीवाल ने इस दौरान यह भी जानकारी दी कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 250 वेंटिलेटर हैं जिसमें से 239 खाली हैं जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 72 वेंटिलेटर हैं जिनमें से 57 खाली हैं.
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