अटॉर्नी जनरल के पद को आरटीआई के दायरे में लाने वाले आदेश पर 27 अप्रैल तक रोक

नई दिल्ली:

अटॉर्नी जनरल ऑफिस को पब्लिक अथॉरिटी बताते हुए आरटीआई के दायर में लाने वाले दिल्ली हाइकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की पीठ ने कहा कि सिंगल बेंच के निष्कर्षों पर विचार करने की आवश्यकता है, जिसके बाद हम विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर सकेंगे।

हालांकि, पीठ ने कहा, हमें सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने की आवश्यकता है अन्यथा उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। अदालत ने इसके बाद 27 अप्रैल को मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के 10 मार्च के आदेश को चीफ जस्टिस की कोर्ट में चुनौती दी थी। सिंगल बेंच ने 2012 के केंद्रीय सूचना आयोग के उस फैसले को रद्द कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि AGI ऑफिस पब्लिक अथॉरिटी नहीं है, लिहाज उसे RTI के दायरे में नहीं लाया जा सकता। हाइकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के एक फैसले का भी हवाला दिया था।

हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा था कि AG ऑफिस को इस दायरे में नहीं लाया जा सकता और इसके लिए कई मुश्किलें भी हैं, क्योंकि आफिस के पास मूलभूत ढांचा भी नहीं है। लेकिन सिंगल बेंच ने सरकार की सारी दलीलों को खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार ने इस आदेश को चीफ जस्टिस की कोर्ट में चुनौती दी।  डबल बेंच ने इस मामले में नोटिस जारी कर सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है और मामले की सुनवाई 27 अप्रैल के लिए रखी है।

(कुछ अंश भाषा से भी)


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