खास बातें
- 22 साल के रणबीर सिंह की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी
- रणबीर सिंह नौकरी की तलाश में देहरादून गया था.
- निचली अदालत ने 17 पुलिसवालों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
नई दिल्ली: देहरादून में एमबीए छात्र रणबीर सिंह के फर्जी एनकाउंटर केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 17 में से 10 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया है. वहीं अन्य सात पुलिसकर्मियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. इस मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 17 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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गाजियाबाद के रहने वाले 22 साल के रणबीर सिंह की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. वह नौकरी की तलाश में देहरादून गया था.
निचली अदालत ने रणबीर सिंह की हत्या के लिए उप निरीक्षक संतोष कुमार जायसवाल, गोपाल दत्त भट्ट (थाना प्रभारी), राजेश बिष्ट, नीरज कुमार, नितिन चौहान, चंद्रमोहन सिंह रावत एवं कांस्टेबल अजीत सिंह को दोषी ठहराया था. जसपाल सिंह गोसाईं के अलावा अन्य सभी 17 पुलिसकर्मियों को छात्र के अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था.
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