नई दिल्ली:
सूत्रों के हवाले से खबर है की दिल्ली सरकार एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा की 'चीफ' के रूप में हुई नियुक्ति के मामले में उप राजयपाल नजीब जंग, दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी और दिल्ली के गृह सचिव रहे धर्मपाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दाखिल करने की तैयारी में है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एसीबी को दिल्ली सरकार के अधीन बताया था, लेकिन दिल्ली सरकार के मुताबिक मीणा की नियुक्ति के लिए 8 जून को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने फाइल चलाई और कहा कि एसीबी में ज्वाइंट सीपी के पद पर मीणा को नियुक्त किया जाए।
उपराज्यपाल ने भी उसी दिन वो फाइल दिल्ली के गृह सचिव को भेजी और कहा कि एसीबी को मज़बूत करने के लिए नियुक्ति बहुत ज़रूरी है। लिहाजा, मीणा को तुरंत नियुक्त किया जाए। उसी दिन उनकी नियुक्ति के आदेश निकले और उसी दिन उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया।
उधर, सूत्रों की मानें तो दिल्ली के गृह सचिव रहे धर्मपाल के खिलाफ भी दिल्ली सरकार अदालत की अवमानना का केस करने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ धर्मपाल ज्वाइंट कमिश्नर मुकेश मीणा की नियुक्ति का असंवैधानिक आदेश देने की वजह से बदले गए थे। दिल्ली सरकार सूत्रों का दावा है कि जिस तरह से दिल्ली पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप से ज्वाइंट सीपी मीणा की नियुक्ति हुई वह गैर कानूनी और असंवैधानिक थी।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को गृह सचिव को पद से हटाकर वापस गृह मंत्रालय को लौटा दिया था, लेकिन गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को रद्द करके दिल्ली के मुख्य सचिव को कहा था कि धर्मपाल को वापस लगाएं, जिसके जवाब सीएम केजरीवाल ने भी गृह मंत्रालय को लिखा था कि हमने जो किया संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए किया।
दिल्ली सरकार के मुताबिक़ एक ही दिन में फाइल चलने से लेकर ज्वाइनिंग तक होना, ये एसीबी को कमजोर करने की कोशिश है। दिल्ली सरकार के मुताबिक एसीबी में किसी भी अधिकारी की नियुक्ति के लिए फाइल डायरेक्टर विजिलेंस के यहां से चलनी चाहिए जबकि इस मामले में फाइल पुलिस कमिश्नर की तरफ से चली। यानि दिल्ली सरकार के मुताबिक, असल में इस बार दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एसीबी के अंदर ज्वाइंट सीपी की नियुक्ति कर दी है, जिसको एलजी ने स्वीकृति दी है और इसके खिलाफ अब वो कोर्ट जाएगी।
हालांकि आपको बता दें कि ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा की नियुक्ति के ठीक अगले ही दिन दिल्ली सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया था, जिसके तहत मीणा की नियुक्ति एसीबी में हुई थी। लिहाजा, दिल्ली सरकार मानती है कि अभी एसीबी के चीफ एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस एस यादव हैं जबकि दिल्ली पुलिस और एलजी के मुताबिक एसीबी चीफ ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एसीबी को दिल्ली सरकार के अधीन बताया था, लेकिन दिल्ली सरकार के मुताबिक मीणा की नियुक्ति के लिए 8 जून को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने फाइल चलाई और कहा कि एसीबी में ज्वाइंट सीपी के पद पर मीणा को नियुक्त किया जाए।
उपराज्यपाल ने भी उसी दिन वो फाइल दिल्ली के गृह सचिव को भेजी और कहा कि एसीबी को मज़बूत करने के लिए नियुक्ति बहुत ज़रूरी है। लिहाजा, मीणा को तुरंत नियुक्त किया जाए। उसी दिन उनकी नियुक्ति के आदेश निकले और उसी दिन उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया।
उधर, सूत्रों की मानें तो दिल्ली के गृह सचिव रहे धर्मपाल के खिलाफ भी दिल्ली सरकार अदालत की अवमानना का केस करने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ धर्मपाल ज्वाइंट कमिश्नर मुकेश मीणा की नियुक्ति का असंवैधानिक आदेश देने की वजह से बदले गए थे। दिल्ली सरकार सूत्रों का दावा है कि जिस तरह से दिल्ली पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप से ज्वाइंट सीपी मीणा की नियुक्ति हुई वह गैर कानूनी और असंवैधानिक थी।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को गृह सचिव को पद से हटाकर वापस गृह मंत्रालय को लौटा दिया था, लेकिन गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को रद्द करके दिल्ली के मुख्य सचिव को कहा था कि धर्मपाल को वापस लगाएं, जिसके जवाब सीएम केजरीवाल ने भी गृह मंत्रालय को लिखा था कि हमने जो किया संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए किया।
दिल्ली सरकार के मुताबिक़ एक ही दिन में फाइल चलने से लेकर ज्वाइनिंग तक होना, ये एसीबी को कमजोर करने की कोशिश है। दिल्ली सरकार के मुताबिक एसीबी में किसी भी अधिकारी की नियुक्ति के लिए फाइल डायरेक्टर विजिलेंस के यहां से चलनी चाहिए जबकि इस मामले में फाइल पुलिस कमिश्नर की तरफ से चली। यानि दिल्ली सरकार के मुताबिक, असल में इस बार दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एसीबी के अंदर ज्वाइंट सीपी की नियुक्ति कर दी है, जिसको एलजी ने स्वीकृति दी है और इसके खिलाफ अब वो कोर्ट जाएगी।
हालांकि आपको बता दें कि ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा की नियुक्ति के ठीक अगले ही दिन दिल्ली सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया था, जिसके तहत मीणा की नियुक्ति एसीबी में हुई थी। लिहाजा, दिल्ली सरकार मानती है कि अभी एसीबी के चीफ एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस एस यादव हैं जबकि दिल्ली पुलिस और एलजी के मुताबिक एसीबी चीफ ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा हैं।
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