दिल्ली सरकार के विज्ञापन में सिक्किम को अलग देश बताया गया, विवाद खड़ा हुआ

दिल्ली सरकार द्वारा नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती के लिए निकाले गये एक विज्ञापन में सिक्किम के लोगों को भूटान और नेपाल के लोगों की तरह अलग नागरिक बताये जाने पर शनिवार को विवाद खड़ा हो गया.

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार द्वारा नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती के लिए निकाले गये एक विज्ञापन में सिक्किम के लोगों को भूटान और नेपाल के लोगों की तरह अलग नागरिक बताये जाने पर शनिवार को विवाद खड़ा हो गया. इसे लेकर विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर करारा हमला बोला. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने विज्ञापन में इस भूल के लिए जिम्मेदार एक वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित कर दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ नागरिक रक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को उस विज्ञापन के प्रकाशन को लेकर निलंबित कर दिया गया है जो पड़ोसी देशों की तर्ज पर सिक्किम को गलत तरीके से उद्धृत कर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति असम्मान प्रदर्शित करता है.''उन्होंने लिखा, ‘‘ ऐसे घोर कदाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस असम्मानजनक विज्ञापन को तत्काल वापस लेने के लिए निर्देश पहले ही दे दिया गया है.''

शनिवार को अखबारों में प्रकाशित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती के विज्ञापन में अर्हता के स्तंभ में ‘‘भारत के नागरिक या सिक्किम, या भूटान या नेपाल के नागरिक या दिल्ली के निवासी'' दिया गया है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नागरिक सुरक्षा (मुख्यालय) के एक वरिष्ठ अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञापन के प्रभारी अधिकारी ने नागरिक सुरक्षा कोर में भर्ती के लिए गृह मंत्रालय द्वारा जारी नागरिक सुरक्षा विनियमावली, 1968 (1971 और 1973 में संशोधित) के अर्हता मापदंड बिना दिमाग लगाये चिपका दिए.''

इस विवाद पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ सिक्किम भारत का अभिन्न अंग है. ऐसी गलतियां सहन नहीं की जाएंगीयविज्ञापन वापस ले लिया गया है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.'' सिक्किम सरकार ने इस विज्ञापन पर ऐतराज किया है.  सिक्किम के मुख्य सचिव एस सी गुप्ता ने दिल्ली के अपने समकक्ष विजय कुमार देव को लिखे तीखे पत्र में कहा,‘‘ यह सिक्किम के लोगों के लिए बड़ा पीड़ादायक है जो 16 मई, 1975 को भारतीय संघ का 22 वां राज्य बनने के बाद से इस महान देश का नागरिक होने में गर्व महसूस करते हैं.''

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी इस विज्ञापन की निंदा की और कहा कि यह ‘अफसोसजनक, आपत्तिजनक और भारत के संघीय ढांचा के लिए घातक है. तमांग ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘दिल्ली सरकार द्वारा दिये गये विज्ञापन में सिक्किम के लोगों को नेपाल और भूटान के लोगों की तरह अलग नागरिक बताये जाने से मुझे बड़ा दुख हुआ है.'' दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार का विज्ञापन सिक्किम को एक देश के रूप में दर्शाता है. क्या कोई राज्य सरकार इतना अनजान हो सकती है कि वह भारत के एक राज्य को देश के रूप में दर्शा दे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस गंभीर भूल के लिए लोगों को जवाब देना चाहिए.''

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा,‘‘ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रचार में इतना व्यस्त रहते हैं कि उन्हें पता ही नहीं होता कि सिक्किम भारत का अंग है। मैं उन्हें याद दिलाऊं कि सिक्किम भारत का अंग है.'' हालांकि आप ने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि विज्ञापन में गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश का पालन किया गया. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता रामवीर सिंह विधूड़ी ने भी मुख्यमंत्री से इस विज्ञापन के संदर्भ में जवाब मांगा. 

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(इनपुट भाषा से भी)