दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता
खास बातें
- जब अदालत फैसला सुना रही थी, लड़की के माता-पिता शांति से कोर्ट रूम में बैठे कार्यवाही को देख रहे थे। जज ने कहा कि यह अपराध जघन्यतम और दुर्लभतम श्रेणी का है और इसके लिए सजा-ए-मौत ही उचित है।
नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप के चारों दोषियों को जैसे ही अदालत ने फांसी की सजा सुनाई, पहली प्रतिक्रिया में पीड़ित लड़की के पिता ने कहा कि वह 'खुश' हैं। अदालत के बाहर अपनी पत्नी और बेटों के साथ पत्रकारों के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा, न्याय हुआ है...हम खुश हैं।
जब अदालत फैसला सुना रही थी, लड़की के माता-पिता शांति से कोर्ट रूम में बैठे कार्यवाही को देख रहे थे। जज ने कहा कि यह अपराध जघन्यतम और दुर्लभतम श्रेणी का है और इसके लिए सजा-ए-मौत ही उचित है।
इससे पहले, पीड़ित की मां यह भी कह चुकी थी कि दोषियों के चेहरों पर कोई पछतावा नजर नहीं आता, इसलिए उन्हें फांसी ही मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया था कि उनकी बेटी ने मरने से पहले दोषियों को जिंदा जला डालने की इच्छा जताई थी। पीड़ित लड़की की मां ने यहां तक कहा था कि जब इन लोगों ने उनकी बेटी को नहीं बख्शा, तो इन पर भी कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए।
दिल्ली के साकेत स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुधवार को चारों दोषियों - मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर - की सजा पर बहस पूरी कर लेने के बाद फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट इससे पहले, उन्हें मंगलवार को ही दोषी करार दे चुकी थी।