नई दिल्ली:
किशोर न्याय बोर्ड ने 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले में शामिल नाबालिग को वारदात की रात चलती बस में 23-वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना में शामिल होने से पूर्व एक बढ़ई से लूटपाट और गैर-कानूनी रूप से कैद करके रखने का दोषी ठहराया है। मामले के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली में छात्रा और उसके दोस्त को उसी बस में बैठाने से पूर्व बढ़ई रामाधार को बहला-फुसलाकर बस में बुलाया गया था।
अभियोजन पक्ष के सूत्रों ने बताया कि प्रिंसीपल मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता वाले किशोर न्याय बोर्ड ने किशोर अपराधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 395 (डकैती), 342 (गैर-कानूनी कब्जे में रखना) और 412 (किसी डकैती में मिली संपत्ति को बेइमानी से हासिल करना) के तहत दोषी ठहराया है।
उन्होंने बताया कि किशोर अपराधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 365 तथा 394 के तहत लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया है, जो गैर-कानूनी रूप से किसी व्यक्ति को अपने कब्जे में रखने की मंशा से उसका अपहरण करने और डकैती के दौरान जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है। बोर्ड 25 जुलाई को सजा सुनाएगा। उसी दिन बोर्ड ने सामूहिक बलात्कार के मामले में अंतिम फैसला दिया जाना भी तय किया है।
अभियोजन पक्ष के सूत्रों ने बताया कि प्रिंसीपल मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता वाले किशोर न्याय बोर्ड ने किशोर अपराधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 395 (डकैती), 342 (गैर-कानूनी कब्जे में रखना) और 412 (किसी डकैती में मिली संपत्ति को बेइमानी से हासिल करना) के तहत दोषी ठहराया है।
उन्होंने बताया कि किशोर अपराधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 365 तथा 394 के तहत लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया है, जो गैर-कानूनी रूप से किसी व्यक्ति को अपने कब्जे में रखने की मंशा से उसका अपहरण करने और डकैती के दौरान जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है। बोर्ड 25 जुलाई को सजा सुनाएगा। उसी दिन बोर्ड ने सामूहिक बलात्कार के मामले में अंतिम फैसला दिया जाना भी तय किया है।
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