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दिल्ली में 16 दिसंबर की रात चलती बस में 23-वर्षीय एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड की जांच शुक्रवार को पूरी हो गई और 11 जुलाई तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा गया है।
प्रधान मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता वाले किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने अपनी जांच पूरी कर ली। नाबालिग आरोपी के खिलाफ मार्च में जांच शुरू हुई थी। पुलिस ने दावा किया था कि सभी छह आरोपियों में सबसे ज्यादा बर्बरता इस नाबालिग आरोपी ने ही की थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले में अंतिम जिरह के बाद जेजेबी ने यह कहते हुए 11 जुलाई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि अभियोजन और बचाव पक्ष जो स्पष्टीकरण देना चाहें, उस दिन दे सकते हैं। जेजेबी ने 16 दिसंबर, 2012 की रात बस में सवार हुए बढ़ई रामाधार को लूटने से संबंधित मामले में भी नाबालिग आरोपी के खिलाफ जांच पूरी कर ली।
रामाधार को लड़की और उसके पुरुष मित्र के साथ हुई बर्बर घटना से पहले बस से बाहर फेंक दिया गया था। लड़की की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश निवासी यह नाबालिग 11 वर्ष की उम्र में दिल्ली आया था, जिसे यहां छोटे-मोटे काम मिले। यह किशोर मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों में से एक है। किशोर के खिलाफ जांच जहां जेजेबी के समक्ष चली, वहीं चार वयस्क आरोपियों पर फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है।
मामले में प्रमुख आरोपी राम सिंह मार्च में तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका पाया गया था और उसके खिलाफ कार्रवाई बंद हो गई। जांच के दौरान जेजेबी ने लड़की के पुरुष मित्र और बढ़ई सहित अभियोजन पक्ष के छह गवाहों के बयान दर्ज किए।
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