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This Article is From Dec 09, 2019

दिल्ली की आग ने बिहार में छीना किसी मां का अकबर, तो किसी परिवार का मोहम्मद, एक ही मोहल्ले के 8 लड़कों की मौत

दिल्ली में हुई भीषण अग्निकांड के बाद से बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया गांव में कोहराम मचा हुआ है. यही हाल हरिपुर गांव का भी है. यहां एक ही मोहल्ले के आठ युवकों की मौत की खबर है.

दिल्ली की आग ने बिहार में छीना किसी मां का अकबर, तो किसी परिवार का मोहम्मद, एक ही मोहल्ले के 8 लड़कों की मौत
दिल्ली की आग में बिहार के कई परिवारों के सहारे छिन गए हैं.
नई दिल्ली:

दिल्ली में हुई भीषण अग्निकांड के बाद से बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया गांव में कोहराम मचा हुआ है. यही हाल हरिपुर गांव का भी है. यहां एक ही मोहल्ले के आठ युवकों की मौत की खबर है. घर की महिलाओं और पुरुषों का रो-रो कर बुरा हाल है. एक साथ दो बेटे की मौत की खबर मिलते ही खतीजा खातून बेहोश पड़ी हुई हैं.  जानकारी के अनुसार मोहम्मद उल्फत के दोनों बेटे मोहम्मद बजीर और मोहम्मद मजीद एक साथ रहकर फैक्ट्री में काम करते था और दोनों के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी थी. फफक-फफक कर रो रहे पिता मोहम्मद गुलफाम के पास अब सांत्वनाओं के अलावा कुछ भी नहीं है. देर शाम तक घर के सामने लोगों की भीड़ जुटी थी. दूसरी ओर गांव के ही मोहम्मद मोती एवं मोहम्मद रज्जाक के घर के सामने भी लोगों की भीड़ लगी है. मोती की पत्‍‌नी मुन्नी खातून झुलस कर मरे अपने पुत्र मोहम्मद छेदी को देखने के लिए व्याकुल हैं. अभी तक उनको पूरी बात नहीं बताई गई है. 

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उधर मोहम्मद रज्जाक और उनकी बेगम रोशन खातून भी चीख चीख कर रो रही हैं. उनके 19 साल के बेटे मोहम्मद अकबर को आग ने लील लिया है. इन गांवों की माएं अपने बेटों की सलामती की भी दुआएं कर रही हैं. गांव से मिल रही खबरों के मुताबिक सदरे आलम, मोहम्मद मन्नान, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद नौशाद की भी मौत हुई है. 

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मौके पर पहुंचे मुखिया रामप्रवेश शाह लोगों को धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव के दर्जनों युवा दिल्ली के फिल्मीस्तान क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों और सब्जी मंडी में काम करते हैं. अब तक पूरी सूचना प्राप्त नहीं हो सकी है. लगातार मोबाइल से संपर्क जारी है वहीं दूसरी ओर से फुलहारा पंचायत के ब्रह्मपुरा गांव में भी मोहम्मद इदरीश के घर में भी चित्कार सुनाई दे रही है. महज 18 साल के बेटे  मोहम्मद महबूब की भी जान चली गई है. इस घर के सामने भी लोगों का जामवड़ा है. इसी गांव के मोहम्मद अईनुल के बेटे मोहम्मद शहमत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. मोबाइल की घंटी बजते ही लोगों की धड़कनें तेज हो जाती हैं. सभी एक दूसरे का हाल जानने को आतुर थे. इधर बेलाही गांव के भी कई युवा को इन कंपनियों में मजदूरी करते हैं. यहां भी दुआओं का दौर जारी है. 

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