नई दिल्ली:
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी की तरफ से उनकी मांगों को माने-जाने की एक तय समय सीमा नहीं बताई जाएगी, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनका केंद्र और दिल्ली नगर निगम से कोई संवाद नहीं होगा, लिहाजा हड़ताल खत्म नहीं होगी।
उधर, डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने का दिल्ली सरकार द्वारा दिया गया सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम पूरा हो चुका है। दिल्ली सरकार ने कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने के लिए एस्मा कानून लगा दिया है।
NDTV से बातचीत में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को काम पर वापस आने के लिए सुबह 11 बजे तक का वक्त दिया। अगर वह इसके बाद भी हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। संभवत: सरकार उन पर एस्मा भी लगा सकती है।
सरकार के मुताबिक, डॉक्टरों की सभी मांग सोमवार रात ही मान ली गई हैं, ऐसे में हड़ताल खत्म न करने की कोई वजह नहीं हो सकती।
दरअसल, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के तकरीबन 15 से 20 हजार रेज़िडेंट डॉक्टर सोमवार से अनिश्चकालीन हड़ताल पर चले गए थे। हालांकि दिल्ली सरकार ने उनकी सारी मांगें मान लीं, लेकिन केंद्र और एमसीडी की तरफ से डॉक्टरों की मांगों को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई और हड़ताल फिलहाल जारी है। इससे खासकर उन मरीजों की परेशानी बढ़ गई, जिन्हें ओपीडी में इलाज करवाना था। इमरजेंसी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
उधर, डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने का दिल्ली सरकार द्वारा दिया गया सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम पूरा हो चुका है। दिल्ली सरकार ने कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने के लिए एस्मा कानून लगा दिया है।
NDTV से बातचीत में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को काम पर वापस आने के लिए सुबह 11 बजे तक का वक्त दिया। अगर वह इसके बाद भी हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। संभवत: सरकार उन पर एस्मा भी लगा सकती है।
सरकार के मुताबिक, डॉक्टरों की सभी मांग सोमवार रात ही मान ली गई हैं, ऐसे में हड़ताल खत्म न करने की कोई वजह नहीं हो सकती।
दरअसल, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के तकरीबन 15 से 20 हजार रेज़िडेंट डॉक्टर सोमवार से अनिश्चकालीन हड़ताल पर चले गए थे। हालांकि दिल्ली सरकार ने उनकी सारी मांगें मान लीं, लेकिन केंद्र और एमसीडी की तरफ से डॉक्टरों की मांगों को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई और हड़ताल फिलहाल जारी है। इससे खासकर उन मरीजों की परेशानी बढ़ गई, जिन्हें ओपीडी में इलाज करवाना था। इमरजेंसी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
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