देश के दूसरे हिस्सों में कोरोना वायरस (Delhi Coronavirus Cases ) की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में भी नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. Delhi में रविवार को 1800 से ज्यादा कोरोना के केस दर्ज किए गए थे. राजधानी में एक्टिव केस (Delhi Corona Active Cases) की संख्या भी 7 हजार को पार कर गई है, जो सितंबर के बाद सर्वाधिक स्तर है. हालांकि ऐसा लग रहा है कि शहर कोरोना के नए बढ़ते मामलों से निपटने के लिए तैयार नहीं है. शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों के आईसीयू में वेंटीलेटर युक्त बेड की किल्लत शुरू हो गई है.
दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप (Corona app) के अनुसार, शहर के 5 बड़े अस्पतालों के आईसीयू में वेंटीलेंटर (ventilators) युक्त कोई बेड उपलब्ध नहीं है. ओखला के होली फैमिली हास्पिटल ( Holy Family hospital) की बात करें तो सभी आठ वेंटीलेटर युक्त आईसीयू बे़ड भर गए है. शालीमार बाग स्थित मैक्स हास्पिटल और फोर्टिस अस्पताल में भी आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं है.वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंजुरी सेंटर में भी यही हाल है. जबकि सर गंगाराम हास्पिटल में सिर्फ एक बेड दिखा रहा है.
वेंटीलेटर युक्त बेड हालांकि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं. अस्पतालों में 5765 बेड कोविड के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 4301 खाली हैं. जबकि 785 वेंटीलेटर युक्त आईसीयू बेड में से 544 खाली हैं. बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड 1210 हैं, जिनमें से 887 खाली हैं. अस्पताल भी मामले बढ़ने के साथ तैयारी कर रहे हैं. मैक्स हास्पिटल के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. संदीप बुधीराजा ने कहा कि हम कोरोना के मामले बढ़ने के साथ पर्याप्त इंतजाम कर रहे हैं. संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं.
दिल्ली सरकार ने लोगों से कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क पहनने को कहा है. ज्यादातर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी महसूस होने लगी है. पिछली बार कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी और पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया था.
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