दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आईसीयू बेड्स की कमी की समस्या से निपटने के लिये दिल्ली सरकार ने बीते 5 दिनों में राजधानी में कोरोना के 411 नए आईसीयू बेड्स तैयार किये हैं. दिल्ली सरकार के मुताबिक 17 नवम्बर को 29 बेड, 18 नवम्बर को 100 बेड, 19 नवम्बर को 76 बेड और आज 21 नवम्बर को 206 बेड जोड़े गये हैं.
ये आईसीयू बेड्स केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों के अस्पतालों में जोड़े गये हैं. प्राइवेट अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड्स रिज़र्व करने के आदेश के बाद कई प्राइवेट अस्पतालों में भी आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाई गई है.
हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 663 आईसीयू बेड्स बढ़ाये जाने की घोषणा की थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार के 11 अस्पतालों में 663 आईसीयू बेड बढ़ाने से संबंधित आदेश भी जारी किया गया था.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी मायने रखती है, इसलिए COVID-19 से बचाव के लिए टीके के लिए कोई भी वीआईपी अथवा गैर वीपीआईपी श्रेणी नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके लिए कोरोना योद्धाओं, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि टीके के वितरण की योजना केन्द्र सरकार बनाएगी, लेकिन वह प्राथमिकता आधारित टीकाकरण को वरीयता देंगे, जिसकी प्रकृति राजनीतिक न होकर तकनीकी होगी.
CM अरविंद केजरीवाल ने एक निजी सम्मेलन में कहा, ‘‘पूरी दुनिया और दिल्ली सरकार बेसब्री से टीके का इंतजार कर रही है, अनुमान है कि वितरण योजना केंद्र सरकार तैयार करेगी. अगर वे हमसे सुझाव मांगते हैं, तो जब लोगों के टीकाकरण की बात आती है तो वीआईपी अथवा गैर-वीआईपी श्रेणियां नहीं होनी चाहिए. सभी समान हैं और सभी का जीवन महत्वपूर्ण है.''
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