देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई भारी कमी के बावजूद लोगों के मन में चौथी लहर को लेकर डर बना हुआ है. आईआईटी कानपुर जून माह के अंत में चौथी लहर आने का अनुमान जता चुका है. क्या चौथी लहर जून में आने वाली है, इस सवाल पर दिल्ली कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य और आईएलबीएस के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन ने NDTV से बातचीत में कहा, 'ये सवाल सबके मन में है. शायद चौथी लहर ना आए लेकिन उसके लिए तैयारी करनी होगी.'उन्होंने कहा कि भारत में अभी तक 65 प्रतिशत लोगों में दो टीके लगे हैं. एक तिहाई जनता को एक टीका लगा है.बच्चों को टीके पूरे नहीं लगे. बड़ी तादाद के लोगो को टीके नहीं लगे. बूस्टर डोज़ भी नहीं लगी है. अभी भी जनता कमजोर है. वायरस भी जीना चाहता है. सीधी सी बात है कि यदि वैक्सीन लगी है तो वायरस कमजोर पड़ेगा लेकिन आप कमजोर हैं तो वायरस बढ़ेगा. लेकिन भारत में कई लोग ऐसे है जो कमजोर हैं तो वायरस आया और उसने अपनी शक्ल बदल ली तो नया वेरिएंट आ सकता है. जिम्मेदारी भी सरकार की है लेकिन बाहर से कोई आया तो उसके साथ एक वेरिएंट भी आ गया तो खतरा बढ़ सकता है. '
डॉक्टर सरीन से विभिन्न सवाल और उनके जवाब..
सवाल- ये मास्क कब तक पहनना पड़ेगा, इससे मुक्ति कब मिलेगी?
जवाब - मास्क एक तरह से सेल्फ लॉकडाउन है. आप अपने आप को बचाना चाहते हैं और दूसरों को भी. अगर आपके मन में क्लियर है कि मास्क पहनना है अगर बचे रहना है इसमें कोई शंका नहीं है. मेरे हिसाब से 2022 तक मास्क पहनना होगा. अगर कोइ वेरिएंट आना चाहिए आपके अंदर तो मास्क से नहीं आएगा. हम रोज मराज देखते हैं तो मन में रहता है कि कहीं उनसे हमें कुछ न आए या हमसे उन्हें कुछ न जाए तो हमें लगाना ही है. साधारण लोगों को भी मास्क पहनना है लेकिन तीसरी डोज़ लगी है तो आप बच सकते हैं.
सवाल - कार्यक्रमों में कोइ मास्क नहीं लगा रहा है?
जवाब- बड़े इलेक्शन रैली हुई, शादी में भी जा रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आगे कुछ नहीं होगा. जो आपने वैक्सीन ली है वो वुहान से आए ओरिजनल वेरिएंट के लिए थी.डेल्टा के आने के बाद उसका असर कम हो गया और ओमिक्रॉन पूरा नया वायरस है.अगर आपको पहले कोइ कोविड हो गया फिर भी आपको ओमिक्रॉन हो सकता है .नई साइंस कहती है कि अगर आपने बूस्टर डोज़ लिया है तो आपके इंफेक्शन होने के चांसेस 40 प्रतिशत कम हो जाएंगे.फिर भी 60 प्रतिशत हो सकता है] इसलिए तीसरी डोज़ ज़रूरी है.सरकार को मार्केट में लानी चाहिए.
सवाल- क्या बूस्टर 60 साल से नीचे के लोग भी लगा सकते हैं, और मुझे कोरोना नहीं हुआ है तो क्या मुझे भी बूस्टर लगाना चाहिए?
जवाब - ये हर उमर के लोगों को लगानी चाहिए. दो डोज़ के बाद एंटीबॉडी कम हो जाती है. बूस्टर इसे याद दिलाता है कि वायरस जैसा कुछ है और बूस्टर से इम्यूनिटी बूस्ट हो जाती है.पहले दो डोजॉ लीजिए फिर बूस्टर लगवाइए नहीं तो मास्क लगाइए.दूसरी डोज़ के 3-6 महीने बूस्टर लगा लें, सरकार ने 9 महीने का समय दिया है लेकिन 3-6 में लगा लें.
सवाल- क्या सबने इंटीबॉडी आ गई है, इसलिए चौथी लहर न आए?
जवाब- हार्ड इम्यूनिटी, जो पहला वायरस था उसके लिए काफी हद तक हो गई है पर ये लॉक एंड की वाला मामला है, रूप बदला वायरस का तो चाभी नहीं लगेगी. अब ओमिक्रॉन आया तो वो काम नहीं किया. तीन डोज़ लगे रहें तो इम्यूनिटी रहेगी.
सवाल- 5-12 साल के बच्चे हैं, वे क्या करें, उनके घर में बुजुर्ग माता पिता भी हैं?
जवाब- 5-12 वाली डोज़ शुरू नहीं हो पाई है.बच्चों को समझाना आसान होता है. वैक्सीन और प्रोटेक्शन के बारे में बात करें तो वो समझेंगे. उन्हें मास्क पहनने को कहें.हम उसे कहते हैं बबल , मतलब एक क्लास का बच्चा दूसरे क्लास से न मिले. जिस बस में जा रहा है तो उसी में आए. टीचर्स की वैक्सीन ज़रूरी है.
सवाल- चौथी वेव नहीं आ रही है?
जवाब- आप अपनी सुरक्षा करे, वैक्सीन लें, सावधानी रखें और बचे रहिए.
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