नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा पर अब भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी का बयान आया है. तिवारी ने कहा कि ऐसे मौके पर किसी को भी भड़काऊ भाषण देने से परहेज करना चाहिए. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी में सभी लोगों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह शांति के लिए कोशिश करें. कोई भी नेता ऐसी बात ना करे, जिससे भ्रम पैदा हो और लोगों में गलत संदेश जाए. सभी को भड़काऊ बयान देने से परहेज करना चाहिए. मौजूदा माहौल में कोई भी गलत बात करना बिल्कुल गलत होगा. लोगों को भ्रमित करके उकसाया जा रहा है जो लोग आम लोगों को भड़का रहे हैं उन्हें चिन्हित किया जाए.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री की बैठक में यह तय किया गया कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी तीनों दलों के नेता हिंसा रोकने के लिए पहल करें और पुलिस कड़ाई से कार्यवाही करे. हर राजनीतिक दल को शांति स्थापित करने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए .पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह जनप्रतिनिधियों की तरफ से किसी भी जानकारी पर तुरंत कार्रवाई करें. हिंसा प्रभावित इलाकों में अभी तक दिल्ली पुलिस की 73 कंपनियां तैनात की गई है.'
दिल्ली CAA हिंसा: चिदंबरम बोले- 1955 से लागू था नागरिकता कानून, अब संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी?
वहीं, पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir)ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है. गंभीर ने तीखे लहजे में कहा, कोई भी व्यक्ति हो, चाहे वह कपिल मिश्रा हो या कोई और, भले ही वह किसी भी पार्टी से संबंध रखता हो यदि उसने भड़काऊ भाषण दिया है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
वीडियो: दिल्ली हिंसा पर बोले गौतम गंभीर- कपिल मिश्रा हो या कोई भी, कार्रवाई हो
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