मानसून आने में हो रही एक-एक दिन की देरी चिंता का विषय बनती जा रही है. पिछले एक हफ्ते में बढ़ती गर्मी की वजह से जलाशयों में पानी का स्तर कुछ राज्यों में 4% से 5% तक घट गया है. झुलसाती गर्मी और बारिश के इंतज़ार में देश भर के जलाशय सूखते जा रहे हैं. सबसे बुरे हालत महाराष्ट्र में है. मॉनसून की बारिश आने में देर हुई तो हालात बहुत ख़राब हो सकते हैं. 30 मई को महाराष्ट्र के 17 बड़े जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य से 60% नीचे गिर चुका था. जबकि 6 जून को पानी का स्तर और घटकर 64% नीचे पहुंच गया है.
भयंकर गर्मी के कारण सूखते जा रहे हैं देश के बड़े जलाशय, केंद्र ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी
इस बीच भारत सरकार का दावा है कि हालात पर उसकी नज़र है. ज़रूरत पड़ने पर हर संभव मदद का आश्वासन भी सरकार ने दिया है. इस बारे में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि 'नियमों के मुताबिक जो भी आदेश होगा कि इतना अनाज चाहिये...इस दर पर दीजिए...हम दे देंगे. हमारे पास अनाज की कमी नहीं है. एक स्थाई व्यवस्था है और कमेटी है जो तय करेगी की क्या करना ज़रूरी है'.
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आपको बता दें कि इस बार मॉनसून एक हफ़्ता पीछे चल रहा है, लेकिन समंदर की ओर से उमड़ते बादलों ने दक्षिण भारत के राज्यों में अब कुछ उम्मीद बढ़ा दी है. शुक्रवार को यहां कई इलाकों में बादल छाए रहे. केरल के वायनाड में बारिश भी हो गई, लेकिन मॉनसून के आगमन का एलान करने के लिए इतना ही काफ़ी नहीं है. मौसम विभाग को उम्मीद है कि उसके तय मानकों के लिहाज़ से जल्द ही बारिश केरल में शुरू हो जाएगी.
IDEO: पानी की समस्या से जूझते देश भर के जलाशय
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