विज्ञापन
This Article is From Apr 12, 2018

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने धन की कमी पर थलसेना की चिंताएं खारिज की

यहां डिफेंस एक्सपो में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा , ‘संसदीय स्थायी समिति ने और भी काफी कुछ कहा है. काश, आपने समिति की पूरी रिपोर्ट पढ़ी होती.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने धन की कमी पर थलसेना की चिंताएं खारिज की
(फाइल फोटो)
तिरुविदंतई: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए उपकरणों एवं हथियारों की खरीद के लिए धन की गंभीर कमी पर भारतीय थल सेना की चिंताएं बुधवार को खारिज कर दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि सशस्त्र बलों को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. थल सेना ने एक संसदीय स्थायी समिति को बताया था कि वह धन की कमी के गंभीर संकट से जूझ रही है और ऐसे समय में आपातकालीन खरीद के लिए भी उसे संघर्ष करना पड़ रहा है जब दो मोर्चे पर युद्ध की वास्तविक संभावना है और चीन एवं पाकिस्तान पूरी तेजी से अपने रक्षा बलों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं.

संसदीय समिति की रिपोर्ट पिछले महीने संसद पटल पर रखी गई थी. यहां डिफेंस एक्सपो में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा , ‘संसदीय स्थायी समिति ने और भी काफी कुछ कहा है. काश, आपने समिति की पूरी रिपोर्ट पढ़ी होती. स्थायी समिति की रिपोर्ट में कई और बातें भी कही गई हैं. ’ थलसेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने संसदीय समिति को बताया था कि 2018-19 के रक्षा बजट में अपर्याप्त धन आवंटन से थलसेना के आधुनिकीकरण की योजना पर ऐसे समय में असर पड़ेगा जब चीनी सेना अमेरिका के स्तर तक पहुंचने की प्रतिस्पर्धा कर रही है.

यह भी पढ़ें : रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 2009 से गायब जवान की पेंशन स्वीकृत

उन्होंने कहा था कि थलसेना के 68 फीसदी उपकरण काफी पुराने पड़ चुके हैं और धन की कमी से मौजूदा उपकरणों के रखरखाव पर भी असर पड़ेगा. इससे तेजी से खरीद के लिए किस्तों के भुगतान पर भी असर पड़ सकता है. थलसेना उप - प्रमुख की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि कुछ हलकों में बन रही ऐसी धारणा ‘गलत ’ है कि रक्षा मंत्रालय कुछ नहीं कर रहा. उन्होंने कहा , ‘हमारा जोर इस बात पर है कि हमारे पास जो कुछ है उसकी प्राथमिकता तय करें. हम धन का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित कर रहे हैं.

VIDEO : राहुल गांधी पर निर्मला सीतारमण का हमला, ‘ये एक हारे हुए व्यक्ति की आवाज है’​
रक्षा मंत्रालय में चीजें हो रही हैं. ’पिछले महीने संसद में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नए हथियारों , विमानों, जंगी जहाजों और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद के लिए जितनी धनराशि मांगी गई थी, सरकार ने उससे 76,765 करोड़ रुपए कम थलसेना, नौसेना एवं वायुसेना को रक्षा बजट में दिए. तीनों बलों ने वर्ष 2018-19 के लिए 1.60 लाख करोड़ की धनराशि मांगी थी, लेकिन उन्हें महज 83,434 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com