दार्जिलिंग की स्वायत्तता के लिए आज पश्चिम बंगाल सरकार, केन्द्र सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बीच समझौते दस्तख़त हुए।
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दार्जींलिंग:
दार्जिलिंग के लोगों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। दार्जिलिंग की स्वायत्तता के लिए आज पश्चिम बंगाल सरकार, केन्द्र सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बीच समझौते दस्तख़त हुए। इस समझौते के मुताबिक गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन का गठन होगा हालांकि कई स्थानीय संगठन इस समझौते का विरोध भी कर रहे हैं। आमरा बंगाली जन जागरण और जन चेतना जैसे संगठनों ने समझौते के खिलाफ़ 48 घंटे के बंद का ऐलान किया है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने भी बंद को नैतिक समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके अलावा दार्जिलिंग इलाके में असर रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ रिवोल्यूशनरी मार्कसिस्ट ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पर अलग गोरखालैंड बनाने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया।समझौते के बाद गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को विशेष अधिकार मिल जाएंगे। इसमें 45 चुने हुए और 5 मनोनीत सदस्य होंगे। 1988 में बनाई गई दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल के मुकाबले इनके पास ज्यादा पावर होगी। पर्यटन, कृषि और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन का पूरा अधिकार होगा। और इसके पास द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणियों के कमर्चारियों की भर्ती का अधिकार होगा। स्कूल और कॉलेजों के शिक्षक आयोग पर भी इसका पूरा अधिकार होगा। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से तीन साल के अंदर 600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया जाएगा।
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दार्जीलिंग, स्वायत्तता, जनमुक्ति मोर्चा