नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार पर प्रतिबंध लगाने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के निर्णय को रद्द करने के बंबई हाईकोर्ट के फैसले को आज बरकरार रखा।
इसके साथ ही सात साल तक बंद रहने के बाद राज्य में अब डांस बार फिर से संचालित करने का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की एक खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने पर लगे स्थगनादेश को भी रद्द कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार ने 2005 में बंबई पुलिस अधिनियम में संशोधन किया था, जिसे रेस्तरां और बारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने 2006 में सरकार का आदेश रद्द कर दिया था। इसके बाद इसी वर्ष राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए पाबंदी हटा दी है।
इसके साथ ही सात साल तक बंद रहने के बाद राज्य में अब डांस बार फिर से संचालित करने का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की एक खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने पर लगे स्थगनादेश को भी रद्द कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार ने 2005 में बंबई पुलिस अधिनियम में संशोधन किया था, जिसे रेस्तरां और बारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने 2006 में सरकार का आदेश रद्द कर दिया था। इसके बाद इसी वर्ष राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए पाबंदी हटा दी है।
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