दादरी/नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के दादरी के बिसाहड़ा गांव में अखलाक हत्याकांड के मामले में सोमवार को एक बार फिर राजनीति गरमा गई, जब आरोपी पक्ष ने एक महापंचायत की बात कही। प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी इसके बावजूद वहां के मंदिर में एक बैठक हुई, जिसमें शिवसेना के भी स्थानीय नेता मौज़ूद रहे।
20 दिनों में दर्ज हो केस
वहीं मुख्य आरोपी के पिता संजय राणा ने कहा कि 20 दिनों में अखलाक के परिवार पर गौहत्या का केस दर्ज हो, नहीं तो वह अपने आंदोलन को तेज़ करेंगे और अगर कुछ हुआ तो उसके लिए राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी। यह बैठक उसी मंदिर में हुई जहां 28 सितंबर 2015 को बवाल शुरू हुआ था। वहीं इस पूरे मामले में अख़लाक़ के भाई ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
अखलाक के भाई ने की शांति की अपील
इधर, एनडीटीवी की कंसल्टिंग एडिटर बरखा दत्त से बातचीत करते हुए अखलाक के भाई जान मोहम्मद ने कहा कि इस मामले में जल्द ही सबके सामने सच आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति कर किसी को फायदा नहीं उठाना चाहिए। पंच पंचायत से कुछ नहीं होगा। हर समस्या का कहीं न कहीं समाधान है और हर रात का सवेरा है। हमें अपने क्षेत्र में शांति रखने की कोशिश करनी चाहिए।
मुख्य आरोपी के पिता का बयान
वहीं हत्या के आरोपी के पिता संजय राणा ने कहा, सीधी सी मांग है अगर 18 आरोपी जेल में बंद हैं तो निश्चित रूप से फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद उनके ऊपर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
20 दिनों में दर्ज हो केस
वहीं मुख्य आरोपी के पिता संजय राणा ने कहा कि 20 दिनों में अखलाक के परिवार पर गौहत्या का केस दर्ज हो, नहीं तो वह अपने आंदोलन को तेज़ करेंगे और अगर कुछ हुआ तो उसके लिए राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी। यह बैठक उसी मंदिर में हुई जहां 28 सितंबर 2015 को बवाल शुरू हुआ था। वहीं इस पूरे मामले में अख़लाक़ के भाई ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
अखलाक के भाई ने की शांति की अपील
इधर, एनडीटीवी की कंसल्टिंग एडिटर बरखा दत्त से बातचीत करते हुए अखलाक के भाई जान मोहम्मद ने कहा कि इस मामले में जल्द ही सबके सामने सच आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति कर किसी को फायदा नहीं उठाना चाहिए। पंच पंचायत से कुछ नहीं होगा। हर समस्या का कहीं न कहीं समाधान है और हर रात का सवेरा है। हमें अपने क्षेत्र में शांति रखने की कोशिश करनी चाहिए।
मुख्य आरोपी के पिता का बयान
वहीं हत्या के आरोपी के पिता संजय राणा ने कहा, सीधी सी मांग है अगर 18 आरोपी जेल में बंद हैं तो निश्चित रूप से फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद उनके ऊपर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
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