अखलाक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस रखने की अफवाह के बाद अखलाक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, अब पुलिस की चार्जशीट में यह बात सामने आई है कि घर से मिला मांस का टुकड़ा बकरे का था, गाय का नहीं। पुलिस ने चार्जशीट में गौतमबुद्ध नगर के मुख्य पशुपालन अधिकारी की रिपोर्ट का हवाला दिया है। हालांकि पुलिस अभी एफ़एसएल की फ़ाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
इस मामले में पुलिस ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें एक नाबालिग समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है।
क्या था मामला
28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है।
विपक्षी दलों ने बनाया था मुद्दा
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
इस मामले में पुलिस ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें एक नाबालिग समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है।
क्या था मामला
28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है।
विपक्षी दलों ने बनाया था मुद्दा
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
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