टाटा संस का चेयरमैन बनते ही साइरस मिस्त्री ने पारिवारिक कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट तोड़ लिया था : उनके ऑफिस ने बताया

टाटा संस का चेयरमैन बनते ही साइरस मिस्त्री ने पारिवारिक कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट तोड़ लिया था : उनके ऑफिस ने बताया

शापूरजी पैलोनजी ग्रुप, टाटा संस में 18 फीसदी शेयर के साथ सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है

खास बातें

  • सायरस मिस्त्री दिसंबर 2012 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे
  • सायरस ने टाटा संस का अपनी पारिवारिक कंपनी से कारोबार बंद करवाया
  • शापूरजी पैलोनजी ग्रुप, टाटा संस में सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है

सायरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के एक दिन बाद उनके ऑफिस ने उनके बारे में एक खास बात बतायी है. उनके ऑफिस ने बताया कि सायरस के टाटा संस का चेयरमैन बनने के तुरंत बाद उन्होंने टाटा ग्रुप की कंपनियों से कहा कि वे शापूरजी पैलोनजी ग्रुप से किसी तरह का नया कॉन्ट्रेक्ट न करें. बता दें कि शापूरजी पैलोनजी ग्रुप उनकी पारिवारिक कंपनी है.

मिस्त्री के ऑफिस ने एनडीटीवी को बताया, 'अक्टूबर 2013 में ही साइरस ने टाटा ग्रुप की तमाम कंपनियों के सीईओ और प्रबंधक निदेशकों को लिखा था कि बेहतर कॉर्पोरेट प्रशासन के तहत शापूरजी पैलोनजी ग्रुप को कोई नया काम नहीं दिया जाना चाहिए.' उन्होंने बताया, इसका परिणाम यह हुआ कि टाटा ग्रुप की कंपनियों से शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के साथ किया जाने वाला कारोबार नगण्य हो गया.

हरीश साल्वे लंबे समय से टाटा ग्रुप के कानूनी सलाहकार रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि कहीं सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटाए जाने के पीछे हितों के टकराव तो नहीं, क्योंकि ऐसी रिपोर्टें हैं. इस पर उन्होंने कहा, 'उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.'

हरीश साल्वे ने कहा, मुझे लगता है कि ऐसा निर्णय किसी बड़े और अधिक ठोस कारणों से लिया गया है. साल्वे को लगता है कि सायरस मिस्त्री और उनके बाद अंतरिम चेयरमैन बनाए गए रतन टाटा के बीच मूल्यों में बड़ा अंतर है.

साल्वे ने कहा, बोर्ड में यह आम धारणा पनप रही थी कि ग्रुप के स्तर पर कंपनियों को ठीक करने के बजाय कॉर्पोरेट गवर्नेंस को दुरुस्त करने की जरूरत है. संभवतया इस वजह से समूह को ऐसा कदम उठाना पड़ा, जिसके लिए उसे नहीं जाना जाता.

शापूरजी पैलोनजी ग्रुप, टाटा संस में 18 फीसदी शेयर के साथ सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है. सायरस मिस्त्री अब भी टाटा संस के बोर्ड में डायरेक्टर के पद पर रहेंगे. बता दें कि टाटा 10 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है.

गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री ने दिसबंर 2012 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था.


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