नई दिल्ली:
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के समक्ष कोयला ब्लॉक आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं का पर्दाफाश करने वालों (व्हिसल ब्लोअर) और आम नागरिकों की ओर से कई ताजा शिकायतें आई हैं। इनमें से कुछ को सीबीआई के साथ साझा किया गया है।
सीवीसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में कई शिकायतें मिली हैं और इनमें कुछ सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार इन शिकायतों में कुछ के साथ सरकारी दस्तावेज भी भेजे गए हैं और दावा किया गया है कि कोयला ब्लॉक आवंटन की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गईं।
सीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आयोग को कुछ शिकायतें मिली हैं और इन पर गौर किया जा रहा है। इनमें से कुछ को सीबीआई के साथ साझा किया गया है। इस अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान सीबीआई इन दावों की पड़ताल करेगी। कोयला मामले की जांच में सीबीआई अब तक निजी कंपनियों और अनजान सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सात प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।
सीवीसी ने मई में 2006 से 2009 के दौरान निजी कंपनियों को कोयला खदानों के आवंटन में कथित अनियमितता के मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले में जांच की अनुशंसा भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर और हंसराज अहीर की शिकायतें मिलने के बाद की गई। इन्होंने आरोप लगाया था कि आवंटन में ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति अपनाई गई थी जिससे कुछ निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा।
कथित कोयला घोटाले में सीबीआई की ओर से तीसरी शुरुआती जांच बीते 28 सितंबर को शुरू की गई थी। सीबीआई 1993 के बाद और राजग सरकार के दौरान हुए आवंटनों के मामलों की भी जांच कर रही है।
सीवीसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में कई शिकायतें मिली हैं और इनमें कुछ सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार इन शिकायतों में कुछ के साथ सरकारी दस्तावेज भी भेजे गए हैं और दावा किया गया है कि कोयला ब्लॉक आवंटन की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गईं।
सीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आयोग को कुछ शिकायतें मिली हैं और इन पर गौर किया जा रहा है। इनमें से कुछ को सीबीआई के साथ साझा किया गया है। इस अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान सीबीआई इन दावों की पड़ताल करेगी। कोयला मामले की जांच में सीबीआई अब तक निजी कंपनियों और अनजान सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सात प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।
सीवीसी ने मई में 2006 से 2009 के दौरान निजी कंपनियों को कोयला खदानों के आवंटन में कथित अनियमितता के मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले में जांच की अनुशंसा भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर और हंसराज अहीर की शिकायतें मिलने के बाद की गई। इन्होंने आरोप लगाया था कि आवंटन में ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति अपनाई गई थी जिससे कुछ निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा।
कथित कोयला घोटाले में सीबीआई की ओर से तीसरी शुरुआती जांच बीते 28 सितंबर को शुरू की गई थी। सीबीआई 1993 के बाद और राजग सरकार के दौरान हुए आवंटनों के मामलों की भी जांच कर रही है।
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