छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की वर्दियां अस्पताल के एक कोने में कूड़े के बीच पड़ी मिलना रमन सिंह सरकार के लिए शर्मिंदगी की वजह बन गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से 'सीआरपीएफ के शहीदों की वर्दियों के इस अपमान' की जांच कराने को कहा है और निर्देश दिया है कि दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हो गए थे तथा 15 अन्य घायल हो गए। घटना के बाद जवानों के शवों और घायलों को रायपुर रवाना किया गया तथा शवों का यहां के डॉक्टर भीम राव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों की वर्दियों को अस्पताल के किनारे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया।
बुधवार को जब इस मामले का खुलासा हुआ, तब रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय अस्पताल पहुंच गए और वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए। बाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों ने वर्दियों को अपने कब्जे में लिया।
घटना के बाद कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कहा कि शहीदों का अपमान करने वाली सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता विपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इसके लिए शहीदों के परिजनों और पूरे देश से माफी मांगे। जो सरकार शहीदों की स्मृतियों का सम्मान नहीं कर सकती, उसे सत्ता में एक क्षण भी बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। बीजेपी सरकार शहीदों के अवशेषों को भी संभालकर नहीं रख सकी।
बघेल ने कहा कि मुर्दाघर के बाहर जवानों के जूते, कपड़े बिखरे पड़े हैं। शहीद जवानों की वर्दी कूड़ेदान में पड़ी मिलती है। शरीर के टुकड़ों को कुत्ते खा रहे हैं। बीजेपी की सरकार में इतनी मानवता, इतनी सौजन्यता नहीं है कि शहीदों के अवशेषों और स्मृतियों को सम्मान के साथ रखे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार के लिए यह नई बात भी नहीं है। इसके पहले शहीद जवानों के शव दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल में कूड़ा गाड़ी में ढोए गए थे।
(इनपुट भाषा से भी)
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