जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को हटाने के खिलाफ अब राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (Mohammed Yousuf Tarigami) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. तारिगामी ने इस अनुच्धेद 370 को खत्म करने से संबंधित मुद्दों पर याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पीठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा नेता सीताराम येचुरी, एमडीएमके महासचिव वाइको, बाल अधिकार कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली, कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन, डॉक्टर समीर कौल और मलेशिया में रह रहीं प्रवासी भारतीय उद्योगपति आसिफ मुबीन के साथ-साथ इनकी याचिका की सुनवाई करेगी.
कश्मीर के नेता तारिगामी नई दिल्ली से 10 दिन बाद घाटी लौटे
पिछले महीने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद तारिगामी को भी हिरासत में लिया गया था. तारिगामी ने अपनी पार्टी के प्रमुख सीताराम येचुरी द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के दो हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. कोर्ट ने 28 अगस्त को येचुरी को भी श्रीनगर में तारिगामी से मिलने की अनुमति प्रदान कर दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें किसी भी राजनीतिक गतिविधि से दूर रहने का निर्देश दिया था.
जब येचुरी उनसे मिलने श्रीनगर गए थे, तब उन्होंने वहां पाया कि तारिगामी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है और उनके सुरक्षा वाहनों को वापस ले लिया गया है. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि तारिगामी कई बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल नहीं जाने दिया गया. इसके बाद, कोर्ट ने पांच सितंबर को तारिगामी को एम्स में भर्ती करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद, तारिगामी को इलाज के लिए यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने तरिगामी को 16 सितंबर को श्रीनगर लौटने की अनुमति प्रदान की थी.
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