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This Article is From Sep 30, 2020

COVID-19 : मुंबईवासियों पर सितम्बर में ज्यादा सितम, कोरोना केसों में 101% का इजाफा

कोरोनावायरस (Coronavirus) ने सितम्बर में मुंबईवासियों पर ज़्यादा सितम ढाया है. इस महीने कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में 101% का इज़ाफ़ा हुआ है. 26 दिनों में 20 युवाओं की जान गयी है. शहर के वरिष्ठ डॉक्टर इसे सेकंड वेव मान रहे हैं. 

COVID-19 : मुंबईवासियों पर सितम्बर में ज्यादा सितम, कोरोना केसों में 101% का इजाफा
प्रतीकात्मक तस्वीर
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
26 दिनों में 20 युवाओं की मौत!
20-40 साल के मरीज़ 34% बढ़े
मुंबई में इस महीने मामले 101% बढ़े!
मुंबई:

कोरोनावायरस (Coronavirus) ने सितम्बर में मुंबईवासियों पर ज़्यादा सितम ढाया है. इस महीने कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में 101% का इज़ाफ़ा हुआ है. 26 दिनों में 20 युवाओं की जान गयी है. शहर के वरिष्ठ डॉक्टर इसे सेकंड वेव मान रहे हैं. 

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कोरोना के मामलों में सितम्बर महीने में यहां 101% की बढ़ोतरी हुई है. एक सितम्बर से 28 सितम्बर के बीच मुंबई ने कोरोना के 53,828 नए मामले देखे. तो पिछले महीने, 1 अगस्त से 28 अगस्त के बीच यहां 26,753 कोविड केसेस रिपोर्ट हुए थे. यानी इस महीने में पिछले महीने की तुलना में 27,075 ज़्यादा मामले देखे गए. मतलब 101% का इज़ाफ़ा हुआ है.

मुंबई के बड़े अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर इसे सेकंड वेव मान रहे हैं. हीरानंदानी हॉस्पिटल के डॉ. फरहा इंग्ले ने कहा, ''सितम्बर में हमारे पास कोरोना केसेस में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है. अगस्त से तुलना करेंगे तो इस महीने 30% से ज़्यादा मरीज एडमिट हुए हैं. जिस तरह से शहर में 104 % तक मामले ऊपर गए हैं, तो हम कह सकते हैं की ये सेकंड वेव है. अनलॉकिंग के दौरान एकदम से केसेस बढ़े हैं और इसे सेकंड वेव ऑफ कोविड इन्फ़ेक्शन कहा जा सकता है.''

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वहीं, फ़ोर्टिस मुलुंड हॉस्पिटल की डॉ. अनीता मैथ्यू ने कहा, ''यह हम भी देख रहें हैं कि हमारे पास जो अस्पताल के बेड्स हैं, वो पूरी तरह से भरे हैं. लगातार बेड्स के लिए मैसेज आ रहे हैं. जाहिर है एक महीने में मरीजों की तादाद काफी बढ़ गयी है. इस महीने में युवा मरीज़ भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए हैं. 2 सितम्बर से 28 सितम्बर के बीच 20 से 40 साल के उम्र वाले मरीज़ों में 34% का इज़ाफ़ा हुआ, 26 दिनों में कोविड के कारण 20 युवाओं की जान गयी है.''

डॉ फरहा इंग्ले ने कहा, ''ऐसे काफी पेशेंट जो पहले से हेल्दी थे, जिन्हें कोई को मॉर्बिडिटी नहीं थी. डायबटीज़, ब्लड प्रेशर या हार्ट की कोई परेशानी नहीं थी, वो भी काफी सीरियस हालत में कोविड-19 से इंफ़ेक्ट होकर एडमिट हो रहे हैं. डॉक्टर बता रहे हैं, इस महीने मरीज़ों के दोनों फेफड़े, कोविड के कारण ज़्यादा प्रभावित दिख रहे हैं.''

आयुष अस्पताल के डॉ. सुहास देसाई ने कहा, ''इसमें आप देखेंगे तो तो लंग्स में नेमोनाईटिस डिवेलप हो रहा है, निमोनिया के पैचेस दिख रहे हैं. कोविड की वजह से, वैसे लंग्स इस तरह से दिखायी देता है. यानी अभी लंग्स के सेल में इन्फ़्लमेशन तैयार हो रहा है. अभी जो हम सेकंड वेव के केसेस देख रहे हैं की हार्ट और लंग्स रिलेटेड कॉम्प्लिकेशंज़ बहुत बढ़ गए हैं.''

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भाभा हॉस्पिटल की डॉ. अमेया पाटिल ने कहा, ''आजकल जो जो केसेस आ रहे हैं, दोनो लंग्स इन्वाल्व्ड हैं, ये जो सेकंड वेव आयी है, सितम्बर से दूसरे हफ़्ते से उसमें काफ़ी ज़्यादा क्रिटिकल केसेस आ रहे हैं.''

धीरे धीरे बढ़ती शहर की रफ़्तार और बीते त्योहारों की भीड़ भी बढ़े मामलों की वजह समझी जा रही है, लेकिन चिंता करती हैं मौतें. मुंबई की मृत्यु दर 4.38% पर बनी हुई है. देश के 1.57% और राज्य के 2.65% डेथ रेट से काफ़ी ज़्यादा.

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