नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर उत्तर भारत के मुसलमानों को अलगाववादी बताने और उन्हें राज्य से बाहर करने की बात कहने के लिए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि पुलिस का यह प्राथमिक कर्तव्य बनता है कि वह एफआईआर दर्ज करे और जांच करे लेकिन अधिकारी प्राथमिक कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समीर वाजपेयी का यह आदेश अधिवक्ता मिथिलेश कुमार पांडे की याचिका पर आया जिन्होंने मुम्बई में ठाकरे की रैली में उनके भाषण का हवाला दिया था। इसमें ठाकरे ने असम दंगे के विरोध में 11 अगस्त 2012 की हिंसा के लिए कथित तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मुसलमानों पर आरोप लगाया था।
अदालत ने कहा कि पुलिस का यह प्राथमिक कर्तव्य बनता है कि वह एफआईआर दर्ज करे और जांच करे लेकिन अधिकारी प्राथमिक कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समीर वाजपेयी का यह आदेश अधिवक्ता मिथिलेश कुमार पांडे की याचिका पर आया जिन्होंने मुम्बई में ठाकरे की रैली में उनके भाषण का हवाला दिया था। इसमें ठाकरे ने असम दंगे के विरोध में 11 अगस्त 2012 की हिंसा के लिए कथित तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मुसलमानों पर आरोप लगाया था।
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