अहमदाबाद:
अहमदाबाद की एक अदालत ने गुजरात दंगों के शिकार एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की उस अर्जी को ठुकरा दिया है, जिसमें स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।
एसआईटी ने हाल ही में अपनी इस रिपोर्ट को मेट्रोपोलेटिन जज एमएस भट्ट की अदालत में फाइल किया और उसके ठीक बाद जकिया जाफरी ने इस रिपोर्ट की कॉपी की मांग की।
कॉपी की अर्जी ठुकराए जाने पर जकिया जाफरी ने कोर्ट से रिपोर्ट देखने की गुहार लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं एसआईटी ने अपनी तरफ से दलील देते हुए कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले जरूरी है कि उसे जज पूरी तरह से पढ़ लें। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में एसआईटी ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न होने की बात कही है।
एसआईटी ने हाल ही में अपनी इस रिपोर्ट को मेट्रोपोलेटिन जज एमएस भट्ट की अदालत में फाइल किया और उसके ठीक बाद जकिया जाफरी ने इस रिपोर्ट की कॉपी की मांग की।
कॉपी की अर्जी ठुकराए जाने पर जकिया जाफरी ने कोर्ट से रिपोर्ट देखने की गुहार लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं एसआईटी ने अपनी तरफ से दलील देते हुए कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले जरूरी है कि उसे जज पूरी तरह से पढ़ लें। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में एसआईटी ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न होने की बात कही है।
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