केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को 10,000 रुपये जुर्माना लगा दिया। अदालत ने यह जुर्माना अदालत के पूर्व आदेश का पालन न करने के लिए लगाया है।
यह मामला आम आमदी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गडकरी की तरफ से दायर मानहानि के एक मामले से जुड़ा है।
महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने यह कहते हुए जुर्माना लगा दिया कि सुनवाई की नियत तिथि शनिवार से तीन दिन पूर्व हलफनामा दाखिल नहीं किया गया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च, 2015 की तिथि तय कर दी और गडकरी को हलफनामा दाखिल करने का अंतिम मौका दे दिया।
अदालत ने इसके पूर्व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामले में मानहानि के आरोप तय किए थे।
गडकरी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि देश के भ्रष्ट लोगों की सूची में नाम शामिल कर आप ने उनका अपमान किया है।
अदालत ने पूर्व में दोनों नेताओं को यह भी सुझाया था कि आपस में बातचीत कर मामले का कोई समाधान निकाल लिया जाए।
गडकरी ने अदालत से कहा था कि अगर केजरीवाल अपना बयान वापस ले लें तो वह मामला सुलझाने के लिए तैयार हैं। लेकिन केजरीवाल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
केजरीवाल को इस मामले में उस समय जेल भेज दिया गया था, जब उन्होंने मामले में एक निजी मुचलका भरने से इंकार कर दिया था। हालांकि बाद में वह दिल्ली उच्च न्यायालय की सलाह पर ऐसा करने के लिए राजी हो गए थे और उसके बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया था।
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