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This Article is From May 16, 2017

मुंबई : जलयुक्त शिवार में भ्रष्टाचार के शिवसेना के आरोप पर बीजेपी ने किया पलटवार

जलयुक्त शिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बीजेपी ने करारा जवाब दिया है. बीजेपी ने कहा है कि शिवसेना बिना आधार के ही आरोप लगा रही है. मीडिया में जाने से पहले उसे पूरे मामले की जानकारी जुटानी चाहिए थी.

मुंबई : जलयुक्त शिवार में भ्रष्टाचार के शिवसेना के आरोप पर बीजेपी ने किया पलटवार
शिवसेना ने जलयुक्त शिवार में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
जलयुक्त शिवार से गांवों में पानी के संकट को दूर करने की योजना है
शिवसेना ने इसकी तुलना कांग्रेस सरकार में हुए सिंचाई घोटाले से की है
बीजेपी ने कहना है कि शिवसेना बिना अध्ययन के आरोप लगा रही है
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बीजेपी ने करारा जवाब दिया है. बीजेपी ने कहा है कि शिवसेना बिना आधार के ही आरोप लगा रही है. मीडिया में जाने से पहले उसे पूरे मामले की जानकारी जुटानी चाहिए थी.

बता दें कि उद्धव ठाकरे ने सोमवार को जलयुक्त शिवार सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया था कि कांग्रेस-एनसीपी कार्यकाल में हुए सिंचाई घोटाले से अब क्या अलग हो रहा है. शिवसेना पार्टी प्रमुख ने अपने मंत्री रामदास कदम के हवाले से सिंचाई स्कीम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. शिवसेना मंत्री का दावा है कि रत्नागिरी के एक प्रोजेक्ट में 5 करोड़ के झूठे बिल दे कर रकम हड़प कर ली गई. 

उद्धव ठाकरे के आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी की तरफ़ से जलसंरक्षण मंत्री राम शिंदे ने शिवसेना पर निशाना साधा. जलयुक्त शिवार राम शिंदे के विभाग के तहत चलाया जाता है. 

राम शिंदे ने कहा कि जिस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप शिवसेना लगा रही है उस प्रोजेक्ट के जांच के आदेश दिए जा चुके हैं. जलयुक्त शिवार के तहत होने वाला सरकारी काम सम्पूर्ण रूप से निगरानी के अधीन है. ऐसे में भ्रष्टाचार का आरोप मीडिया में जा कर लगाने से पहले शिवसेना के नेता जानकारी लेते और संबंधित विभाग से बात से बात करते तो और अच्छा होता. 

जलयुक्त शिवार मतलब बारिश के पानी को इकट्ठा कर रखने की पहल. इस सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत नदी-नालों को चौड़ा और गहरा करने के काम ठेके पर दिए जाता है. शिवसेना का आक्षेप है कि कोंकण में प्रशासन और ठेकेदार की मिलीभगत ने इस परियोजना का कबाड़ा कर दिया है. 

बता दें कि जलयुक्त शिवार योजना (खेती के लिए जल प्रदान करने की योजना) के तहत हर साल राज्य के 5,000 गांवों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के अनुसार, 2019 तक राज्य के एक बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिला देंगे.

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