
बिहार में क़रीब डेढ़ लाख प्रवासी पिछले एक हफ़्ते आ चुके हैं. इनमें से 1900 लोगों की रैंडम जांच हुई जिसमें 190 लोग पॉज़िटिव पाए गए. मिल रही जानकारी के मुताबिक अभी तीन लाख से अधिक लोगों को आना है. इस दौरान खास बात ये देखने को मिली कि जिस दिन ज्यादा जांच की गई उस दिन अधिक मरीज पाए गए. जैसे 10 मई को 1907 सैंम्पल में 89 लोग पॉज़िटिव. इससे पहले 1388 में 52 लोगों में ये संक्रमण पाया गया था. पांच मई को 581 जाँच हुई और 7 लोग पॉज़िटिव मिले और छह मई को 596 लोगों की जांच हुई जिसमें 7 ही लोग संक्रमित मिले.
ऐस लगा रहा है कि बिहार में प्रवासी अब नीतीश सरकार के लिए बड़ी चुनौती लेकर वापस आ रहे हैं. सबसे बड़ा खतरा ये है कि इन प्रवासियों को संभालने में अगर थोड़ा भी चूक हुई तो ये संक्रमण गांवों तक फैलने में देर न लगेगी. बिहार में भी कुल मरीजों की संख्या 747 है. जिसमें 6 की मौत हो चुकी है और 377 लोग ठीक हो चुके हैं. यानी कुल एक्टिव केस 364 है. इस लिहाज से देखा जाए तो बाकी राज्यों की तुलना में बिहार के हालात अभी उतने खराब अभी नहीं दिख रहे हैं.
वहीं जांच में तेजी लाने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र से 12 आरएनए ऐक्सट्रेक्टर, 12 आरटी पीसीआर और अन्य कई मशीनें मांगी हैं. आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन को बढ़ाने का समर्थन किया है.
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