चारा घोटाला मामले में 14 साल कैद की सजा पाये राष्ट्रीय जनता दल (RJD) राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) को परोल पर रिहा कराने की जुगत मे जुटी झामुमो नीत झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने सोमवार को राज्य के महाधिवक्ता को मंत्रिमंडल की बैठक में बुलाकर इस पर विस्तार से चर्चा की. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कांग्रेस कोटे के मंत्री कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अपनी पूर्व की घोषणा के अनुरूप प्रसाद को पैरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव रखा जिसको गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल राज्य के महाधिवक्ता को वहीं बुलाया और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सात वर्ष तक की कारावास की सजा पाये अपराधियों को कोरोना वायरस संक्रमण संकट को देखते हुए जमानत देने के दिशानिर्देश एवं अन्य उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के तहत प्रसाद को परोल पर रिहा करने का रास्ता बताने को कहा.बाद में मीडिया से बातचीत में सोरेन ने बताया कि राज्य के महाधिवक्ता से प्रसाद के पैरोल का रास्ता तलाशने को कहा गया है.इस बीच पत्रलेख ने मीडिया से कहा, ‘‘प्रसाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और गरीबों के नेता हैं. उन्हें रिम्स अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमण का डर है लिहाजा उन्हें पेरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव मैंने कैबिनेट के सामने रखा. जिस पर गंभीरता से विचार किया गया. इस दिशा में सरकार शीघ्र निर्णय लेगी.''
मंत्री का कहना है कि रिम्स में कोविड-19 मरीजों का इलाज हो रहा है और प्रसाद न्यायिक हिरासत में रिम्स में ही इलाजरत हैं लिहाजा उन्हें पैरोल पर वहां से रिहा करना जरूरी है.प्रसाद को चूंकि चारा घोटाले के एक मामले में 14 वर्ष तक की कैद की सजा मिल चुकी है लिहाजा उन्हें न्यायालय के दिशा निर्देश का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा न्यायालय ने आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को इस दिशानिर्देश के लाभ से अलग रखा है. झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी की गठबंधन सरकार इस समय सत्तासीन है जिसमें आरजेडी के कोटे से भी एक मंत्री हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं