कोरोना महामारी के कारण महाराष्‍ट्र में अंगदान में आई 70% की कमी, जरूरतमंद इंतजार को मजबूर..

महाराष्ट्र में मार्च से जुलाई तक अंगदान में क़रीब 70% की कमी आई है, वहीं कोविड-19 के कारण ज़्यादातर अस्पतालों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट रुक गए हैं.

कोरोना महामारी के कारण महाराष्‍ट्र में अंगदान में आई 70% की कमी, जरूरतमंद इंतजार को मजबूर..

कोरोना काल में अंगदान का ज़रूरी काम जैसे ठहर गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

मुंंबई:

देश में हर साल पांच लाख लोगों की मौत केवल इसलिए हो जाती है कि उनको प्रत्यारोपण के लिए समय पर जरूरी (Organ donation)अंग नहीं मिल पाते. कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic)ने इस मामले में हालत और बदतर कर दी है. महाराष्ट्र में मार्च से जुलाई तक अंगदान में क़रीब 70% की कमी आई है, वहीं कोविड-19 के कारण ज़्यादातर अस्पतालों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट रुक गए हैं. दूसरे शब्‍दों में कहें तो कोरोना काल में अंगदान का ज़रूरी काम जैसे ठहर गया है. महाराष्ट्र में मार्च से जुलाई के बीच अंगदान क़रीब 70% कम हुआ.

ऑर्गन डोनेशन : जाते-जाते भी गुरविंदर ने बचाई चार जिंदगियां

महाराष्ट्र कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य और फ़ोर्टिस अस्पताल के क्रिटिकल केयर डायरेक्टर डॉ राहुल पंडित इसकी तीन वजह बताते हैं. उन्‍होंने कहा, ‘'एक तो कारण ये है कि कई सारे अस्पताल, कोविड हॉस्पिटल बन गए हैं और इनमें नॉन कोविड काम बहुत कम हो रहा है. दूसरी ये बात है तो अच्छी है कि रास्ते पर भीड़ नहीं थी, जिससे एक्‍सीडेंट केसेस कम हुए हैं.लोकल भी बंद है. हेड इंजरी के मरीज़ बेहद कम हैं. तीसरा कारण यह है कि ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन डेड के पेशेंट अब कोविड की वजह से रिपोर्ट हो रहे हैं. ज़ाहिर से बात है कि उनको हम डोनर के लिए डिक्लेर नहीं कर सकते हैं.' इसका सीधा असर उन लोगों पर दिख रहा है जो अंगदान की राह देख रहे हैं.

महाराष्ट्र में अभी 5,729 लोगों को किडनी की ज़रूरत है, 1,112 लोगों को लिवर चाहिए, 71 लोगों का दिल बदला जाना है और 17 लोगों को फेफड़ों की ज़रूरत है. बताया जा रहा है कि मुंबई में अंग प्रत्यारोपण यानी ऑर्गन ट्रांसप्‍लांट के लिए रेजिस्टर्ड 38 अस्पतालों में से ज़्यादातर ने महामारी के दौरान सर्जरी करने से इनकार कर दिया है. स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्‍ट डॉ.ऐस्ट्रिड लोबो गाजीवाला इस मामले में कहते हैं, ‘किडनी फ़ेल्यर मरीज़ के पास डायलसिस का विकल्प है, लेकिन जो मरीज़ लीवर, हार्ट और लंग के इंतेज़ार में हैं उनके पास विकल्प नहीं है. ऐसे मरीज़ों के लिए ऑर्गन ट्रांसप्‍लांट जीवनदान है.' 

अंग दान करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा लोग आगे आएं, इसलिए कोरोना के क़हर के बावजूद द फेडरेशन ऑफ ऑब्‍सटेट्रिक्‍स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) ने ऑनलाइन मुहिम शुरू की, स्वास्थ्य मंत्री के अलावा फ़िल्मी चेहरे भी इससे जुड़े हैं. FOGSI के अध्‍यक्ष डॉ अल्पेश गांधी ने कहा, ‘'हमें विश्वास है साल के अंत तक इस मुहिम से 20,000 लोग जुड़ेंगे. यह बताते हुए मुझे ख़ुशी मिल रही है कि इस लॉकडाउन में, कोविड के डर के बीच में भी युवाओं की अच्‍छी प्रतिक्रिया मिल रही है. इसे लेकर जागरूकता है. भारत के बाहर से भी लोग इससे जुड़ रहे हैं.''लेकिन संकट उन लोगों का है जिनको तत्काल अंग प्रत्यारोपण की ज़रूरत है. अंगदान में आई कमी और अंगदान की सर्जरी न हो पाने की वजह से बहुत सारे लोगों की जान ख़तरे में है.

कोरोना: क्या एहतियातों के बीच बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com