भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी है. 21 दिन के लिए किए लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार सबकी सलाहों पर गौर कर रही है और सूत्रों का कहना है कि इसको बढ़ाने का विचार हो रहा है. इसकी एक वजह ये है कि मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है और बीते दो दिन में रोजाना के हिसाब से 500 से ज्यादा नए मामले आए थे. हालांकि आज सुबह जो आंकड़ा आया है वह थोड़ा कम है. सरकार की रणनीति है कि जो इलाके प्रभावित हुए हैं उनकी पहचान कर पूरी तरह सील कर दिए हैं और फिर वहां पर टेस्टिंग का काम तेजी से किया जाए. इस दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार को सलाह भी दी है. इस बीच पीएम मोदी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी बात की है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी कहा है कि कोरोना से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लि सरकार विपक्ष से भी मदद ले सकती है, जिसके पास पिछले वैश्विक वित्तीय संकट से देश को निकालने का अनुभव है.
1-पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम कई दिनों से पूरे देश में सख्त लॉकडाउन की मांग कर रहे थे. इस दौरान उनको आलोचना भी झेलनी पड़ी. उन्होंने 23 मार्च को ट्विटर पर लिखा, 'लगभग एक हफ्ते से, मैंनें 2-4 सप्ताह के लिए पूरे देश में तालाबंदी की अपील की है. मेरी दलीलों को चुप्पी का साथ मिला, और कुछ मामलों में, अपमानजनक ट्रोल द्वारा'. उन्होंने आगे लिखा, 'मैं आभारी हूं कि कई मुख्यमंत्रियों ने आखिरकार तालाबंदी की अनिवार्यता को समझ लिया है. उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और अपने राज्यों में सभी शहरों को बंद करना चाहिए और लगभग सभी सार्वजनिक और निजी परिवहन को रोक देना चाहिए.' इसके अलावा पी. चिदंबरम 10 सूत्री सुझाव भी केंद्र सरकार को सुझाए थे. जिसमें आर्थिक पैकेज की मांग थी. हालांकि कुछ दिन पहले जिस आर्थिक पैकेज का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है उससे चिदंबरम बहुत ज्यादा खुश नहीं थे और उम्मीद जताई कि दूसरी आर्थिक मदद का जल्द ही ऐलान होगा.
2-एनसीपी नेता शरद पवार
एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के दौरान अनुशासन लाने के लिए सेना की मदद मांगना अंतिम विकल्प हो सकता है. पूर्व रक्षा मंत्री ने एक ‘फेसबुक लाइव' कार्यक्रम में कहा कि सेना को दुश्मनों से लड़ने के लिए बुलाया जाता है, ना कि नागरिकों से. फेसबुक पर एक व्यक्ति ने कहा कि जो लोग लॉकडाउन की पाबंदियों का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना बुलाई जानी चाहिए. इस पर पवार ने कहा कि सेना को बुलाना अंतिम उपाय हो सकता है.
3-कांग्रेस सांसद शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सांसद निधि को बहाल किए जाना चाहिए क्योंकि यह राशि क्षेत्र के विकास कार्यों पर खर्च होती है. इससे पहले मार्च में लिखे पत्र में भी मांग की थी कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में सांसद निधि के उपयोग के मकसद से नियमों में छूट दी जाए. हालांकि केंद्र सरकार ने उनकी यह सलाह नहीं मानी
4- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना संकट के मद्देनजर सरकारी खर्च में 30 प्रतिशत की कटौती, 'पीएम केयर्स' कोष के पैसे को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में डालने और 'सेंट्रल विस्टा' परियोजना को स्थगित करने सहित मितव्ययता के कई कदम उठाये जाएं. उन्होंने मोदी को लिखे पत्र में यह सुझाव भी दिया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और नौकरशाहों के विदेश दौरों को स्थगित करने और सरकारी विज्ञापनों पर भी दो साल तक रोक लगाने की जरूरत है.
5- के. चन्द्रशेखर राव
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि देश में लागू 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि में 14 अप्रैल के बाद विस्तार किया जाए क्योंकि लोगों के जीवन रक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है. तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख ने कहा कि देश की 'खराब स्वास्थ्य सुविधाओं' के कारण वायरस से संक्रमण के प्रसार को रोकना मुश्किल होगा. (इनपुट भाषा से भी)
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