कोरोनावायरस के खतरे के बीच लोगों की लापरवाही देख पीएम मोदी ने एक बार फिर अपील की है कि लोग सतर्कता बरतें. उन्होंने ट्विटर पर कहा,' लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं'. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री की चिंता जायज भी है. रविवार को ही हमने देखा कि इंदौर सहित कई जगहों पर भीड़ सड़कों पर ताली और थाली बजा रही थी. जबकि इस संक्रमण को रोकने का एकमात्र सबसे बड़ा उपाय यही है कि एक जगह भीड़ न इकट्ठा होने पाए. भारत में अभी स्टेज-3 वाले हालात नहीं आए हैं और अभी हालात सरकार के नियंत्रण में हैं. लेकिन अभी इस वायरस का संक्रमण सामुदायिक तौर पर फैलने लगा तो हालात और खराब होने की आशंका है. गौरतलब है कि भारत,में मरीजों की संख्या 400 के आसपास पहुंच चुकी है और अब तक 7 लोगों की मौत हुई है.
डॉक्टरों की का कहना है कि इस वायरस का जीवन से 10-15 दिन का है. अगर हम इन 15 दिनों में वायरस को फैलने से रोक लें तो इस पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है और उम्मीद की जा रही है कि तब तक कोई न कोई दवा या वैक्सीन विकल्प के तौर पर खोज ली जाएगी. लेकिन इससे पहले इसको फैलने से रोकना सबसे जरूरी है.
यही वजह है कि सरकार ने 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों को रोक दिया है साथ ही मेट्रो और अंतरराज्यीय बसों को भी रोक दिया है. इसके अलावा जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों को भी बंद कर दिया गया है. वहीं राज्य सरकारों ने भी कई जिलों को पूरी तरह से बंद कर दिया है.
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