कोरोनावायरस के संकट से लड़ रहे भारत के सामने एक और खतरा मंडराता नजर आ रहा है. कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर टूटती हुई दिखाई दे रही है. ये हालात सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरा विश्व मंदी की स्थिति में पहुंच गया है. इस विषय पर IMF की चीफ क्रिस्टैलीना जार्जजिएवा का कहना है कि ऐसा संकट आज तक भी नहीं आया. जहां एक संक्रमण से लड़ने के लिए हमें पूरी अर्थव्यवस्था को बंद करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा वक्त है जब देश को ज्यादा राजस्व की जरूरत है लेकिन वो कम आ रहा है. देश को स्वास्थ्य व्यवस्था, कामगारों और कंपनियों के लिए राजस्व की जरूरत है.
जार्जजिएवा के अनुसार अर्थव्यवस्था को लाइफ सपोर्ट पर रखने के लिए सरकारी खर्चे और बैंक द्वारा बड़े एक्शन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं देखा, यह ऐसा पहला ग्लोबल संकट है जो पहले कभी नहीं हुआ. आज पूरी दुनिया एक साथ प्रभावित हुई है और पीछे जा सकती है. IMF चीफ ने चिंता जताई कि इस परेशानी के ऊपर पूरे विश्व पर एक और अनिश्चितता मंडरा रही है. दुनिया को एक नए वायरस का भी डर सता है जिसके बारे में विशेषज्ञ तक नहीं जानते हैं.
बता दें कि शनिवार शाम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आंकड़ों के अनुसार भारत में इस खतरनाक वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14792 पहुंच गई है. वहीं मृतकों की संख्या 488 हो गई है. अगर पिछले 24 घंटों की बात करें तो आपको बता दें कि खबर लिखे जाने तक, पिछले 24 घंटों में 957 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 36 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है, जोकि बढ़कर 2015 हो गई. है. बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) को 3 मई तक बढ़ाया गया है.
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