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This Article is From Apr 26, 2021

"नाइट कर्फ्यू, आयोजनों पर रोक समेत कई पाबंदियां" : कोरोना की रफ्तार थामने के लिए केंद्र का राज्यों को निर्देश

केंद्र ने राज्यों से कहा कि कोविड मैनेजमेंट और कोविड रोकथाम के नियमों (Control Measures) को सख्ती से अमल में लाएं, नहीं तो मौजूद संसाधन बढ़ते मामलों के बीच नाकाफी साबित होंगे.

"नाइट कर्फ्यू, आयोजनों पर रोक समेत कई पाबंदियां" : कोरोना की रफ्तार थामने के लिए केंद्र का राज्यों को निर्देश
सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% स्टाफ के साथ दफ्तर को चलने की इजाजत दी जाए- केंद्र (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के रिकॉर्ड मामलों में बीच केंद्र ने राज्यों को कोविड नियमों का सख्त से पालन करने का निर्देश दिया है. केंद्र ने चेताया है कि नियमों का सख्ती से पालन नहीं करने पर मौजूदा संसाधन नाकाफी साबित होंगे. केंद्र ने राज्यों से कहा कि कोविड मैनेजमेंट और control measures को सख्ती से अमल में लाएं, नहीं तो मौजूद संसाधन बढ़ते मामलों के बीच नाकाफी साबित होंगे. 20 अप्रैल को आने वाले दिनों में मामलों को लेकर किए गए अनुमान के हिसाब लगाने के बाद राज्यों को यह निर्देश दिया गया है. 

महीने भर को ध्यान में रखकर क्लीनिकल मैनेजमेंट (अस्पताल/इलाज)  को लेकर ज़रूरी कदम उठाने को कहा गया है. केंद्र की ओर से उन राज्यों को निर्देश दिया गया है, जिनके ज़िले में Test Positivity हफ्ते भर से 10 प्रतिशत या उससे ज़्यादा हो या Bed Occupancy यानी ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से ज्यादा भर चुके हों. 
ऐसी हालत में, स्थानीय कंटेनमेंट प्रतिबंधों को सख्त करने पर जोर दिया गया है. जैसे 14 दिनों तक लोगों को मिलने जुलने/ जुटने/ समारोह में शामिल होने को लेकर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं. 

ये प्रतिबंध कोरोना के मामलों को लेकर जहां क्लस्टर बन रहे हों (शहर, ज़िला, हेडक्वार्टर, म्युनिसिपल वार्ड, पंचायत) वहां प्रभावी तौर पर लागू करें. राज्य सरकार इस पर निर्णय लें और ऐसी जगहों को लेकर रणनीति बनाए. 1)- CAB (Covid Appropriate Behaviour) अपनाना सुनिश्चित करें और कोई ऐसा समारोह जहां काफी संख्या में लोग जुटे इसको रोका जाए. 2)- कंटेनमेंट जोन की एक बाउंड्री तय की जाए और यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट का रेगुलेटेड मूवमेंट हो. 3)- प्रभावित आबादी और इलाके के हिसाब से अगर जरूरत है तो बड़े कंटेनमेंट जोन बनाये जा सकते हैं.

कंटेनमेंट जोन को लेकर निर्देश

1)- नाइट कर्फ्यू

2)- लोगों के मिलने जुलने/इक्कठा होने पर प्रतिबंध (सामाजिक, राजनीतिक, स्पोर्ट्स, मनोरंजन, धार्मिक आदि समारोह पर रोक)

3)- शादी में 50 लोग और अंतिम संस्कार में 20 लोगों की संख्या तय की जाए.
4)- शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल, धार्मिक स्थान बंद किए जाएं.
5)- एसेंशियल सर्विसेज को छूट हो
.6)- पब्लिक ट्रांसपोर्ट (रेलवे, मेट्रो, बस, कैब) 50% की क्षमता पर चलें. वहीं, अंतर राज्यीय और राज्य के भीतर एसेंशियल गुड्स को ढोने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं.
7)- सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% स्टाफ के साथ दफ्तर को चलने की इजाजत दी जाए. यहां अगर किसी को फ्लू की तरह के लक्षण हों तो उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) किए जाएं.
8)- कंटेनमेंट एरिया को लेकर राज्य निर्णय लें, पहले से इसकी घोषणा की जाए और ये 14 दिनों तक के लिए लिया जाए.

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टेस्टिंग और सर्विलांस पर जोर
1)- पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग की जाए और टीम बनाकर घर घर मामले को तलाशा जाए.

2)- ILI (inflenza like illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Illness) का RAT और जो सिंपटोमेटिक नेगेटिव आएं उनका RTPCR किया जाए. 

क्लीनिकल मैनेजमेंट 
1)- अगले एक महीने को ध्यान में रखते हुए अस्पताल, बेड्स, एंबुलेंस का इंतज़ाम करें. क्वांरटाइन फैसिलिटी को भी रिएक्टिवेट करें.
2)- होम आइसोलेशन वालों की रोजाना मॉनिटरिंग हो. 
3)- इन्वेस्टिगेटिव ड्रग (रेमडिसिवर, तोसिलीजुमाब) का प्रयोग क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के तहत हो.

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