मुंबई: ऑनलाइन स्‍टडी के बाद भी स्‍कूल बुलाए जा रहे 50% टीचर, 11वीं में अब तक नहीं हो पाए एडमिशन

कोरोना और बाद में मराठा आरक्षण पर लगे रोक के कारण कक्षा 11 की एडमिशन अब तक पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन अब राज्य सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है..

मुंबई: ऑनलाइन स्‍टडी के बाद भी स्‍कूल बुलाए जा रहे 50% टीचर, 11वीं में अब तक नहीं हो पाए एडमिशन

महाराष्‍ट्र में ऑनलाइन पढ़ाई के बावजूद 50 फीसदी टीचर्स को स्‍कूल आने को कहा गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • स्‍कूल आने-जाने में टीचर्स के पैसे-समय हो रहा बरबाद
  • काम नहीं होने के बाद भी टीचर्स को स्‍कूल बुला रही राज्‍य सरकार
  • 11वीं में नहीं हो पाए पूरे एडमिशन लेकिन शुरू है ऑनलाइन स्‍टडी
मुंंबई:

Corona pandemic: कोरोना संक्रमण (Covid-19 pandemic) का सबसे बड़ा प्रभाव पढ़ाई और शिक्षण पर पड़ा है. महाराष्ट्र सरकार (Maharastra Government) ने स्कूलों में 50 फीसदी शिक्षकों को मौजूद रहने कहा गया है जबकि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन (Online Study) हो रही है. दूसरी ओर, अब तक कक्षा 11 में एडमिशन (Admission) नहीं होने के वजह से छात्र भी परेशान हैं. महानगर मुम्बई के पूर्वी उपनगर में स्थित भांडुप इलाके में रहने वाले राजेश सिंह शिक्षक हैं और कक्षा 5 से 8 के छात्रों को पढ़ाते हैं. वह अब हर रोज़ करीब 2 घंटे का सफर तय कर पश्चिमी उपनगर में स्थित कांदिवली के स्कूल में जाते हैं.स्कूलों में फिलहाल छात्रों को आने की अनुमति नहीं है पर इनका जाना अनिवार्य है. पहले वे रेलवे से सफर करते थे, अब गाड़ी से कर रहे हैं. पैसे और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं..

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राजेश बताते हैं, 'पहले सभी शिक्षक ट्रेन के ज़रिए पहुंचते थे, अब ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं है. स्कूल में कोई काम भी नहीं है, पर फिर भी बुलाया जा रहा है.' महाराष्ट्र में स्कूलों को अब तक शुरू नहीं किया गया है लेकिन राज्य सरकार ने 50 फीसदी शिक्षकों का स्कूल में हर रोज़ मौजूद होना अनिवार्य रखा है.प्रशासन के इस निर्णय ने कई शिक्षकों की परेशानी बढ़ा दी है, कई लोग इस निर्णय पर सवाल भी उठा रहे हैं. भाजपा शिक्षक आघाड़ी मुंबई के अध्‍यक्ष अनिल बोरनारे ने कहा, 'हम सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हैं क्योंकि मुम्बई, ठाणे, नवी मुम्बई में सार्वजनिक यातायात] जैसे लोकल अबतक बंद है, तो हम एक जगह से दूसरे जगह कैसे जाएंगे.'

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ऐसा नहीं है कि कोविड के इस दौर में केवल शिक्षक परेशान हैं, छात्र भी कम परेशान नहीं है. कोरोना और बाद में मराठा आरक्षण पर लगे रोक के कारण कक्षा 11 की एडमिशन अब तक पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन अब राज्य सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है.. बच्चों को पता नहीं है कि आखिर उनका कॉलेज कौन सा है, एडमिशन कब होगा.. ऐसे में बिना एडमिशन शुरू किए गए ऑनलाइन पढ़ाई ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. एक छात्र निखिल यादव ने कहा, 'मैं भी अभी ऑनलाइन क्लास में पढ़ रहा हूँ तो मेरी आंखोंको परेशानी हो रही है.. हमें न कोई गाइडलाइन दी गई है, न ही पता है कब कॉलेज शुरू होगा? न ही कोई मदद मिल रही है कि पढ़ाई में आसानी हो. 

राज्‍य सरकार के इस फैसले पर जहां कई लोग सवाल उठा रहे हैं तो वहीं राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ का कहना है कि कक्षा 11 की ऑनलाइन पढ़ाई को शुरू किया गया है ताकि छात्रों का समय बर्बाद ना हो. उन्‍होंने कहा, 'हमने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि जो बच्चे घर पर बैठे हुए हैं, उनका शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो. जिन्होंने एडमिशन लिया है और जिन्होंने नहीं लिया है, सभी पढ़ाई कर सकते हैं, आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स तीनों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लॉकडाउन के बाद से ही शिक्षक और छात्र] दोनों की परेशानियाँ बढ़ी हैं.. ऑनलाइन पढ़ाई से लेकर कॉलेज एडमिशन के मुद्दे पर अब तक कोई साफ निर्णय नहीं लिया गया है जिससे उनके भविष्य को लेकर सवाल बरकरार है. ज़रूरत इस बात की है कि प्रशासन जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय ले ताकि असमंजस की स्थिति खत्‍म हो.

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