भारत में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccines For Children) सितंबर तक लांच की जा सकती है. एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया (AIIMS Head Dr. Randeep Guleria ) ने NDTV से बातचीत में यह संकेत दिया है. भारत में अब तक वयस्कों को 42 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं. सरकार ने इस साल के अंत तक सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन देने का बड़ा लक्ष्य रखा है. इसके लिए करीब हर दिन 1 करोड़ वैक्सीन डोज लगानी होंगी. फिलहाल हर दिन 40 से 50 लाख के बीच कोरोना टीके दिए जा रहे हैं, लेकिन सप्ताहांत के दिनों में संख्या और घट जाती है. कई अन्य कंपनियां भी बच्चों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हैं.
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डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चों की कोरोना वैक्सीन से संक्रमण की चेन तोड़ने की दिशा में अहम कदम होगा. गुलेरिया ने कहा, मेरा मानना है कि जाइडस कैडिला ने ट्रायल कर लिए हैं और उन्हें आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी का इंतजार है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech ) की कोवैक्सीन (Covaxin)का ट्रायल भी बच्चों पर अगस्त या सितंबर तक पूरा हो सकता है. उस समय तक बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन को हरी झंडी दिखाई जा सकती है.
दुनिया में फाइजर की बच्चों के लिए बनी वैक्सीन को अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी फूड एंड ड्रग रेगुलेटर की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. उम्मीद है कि सितंबर से हम बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर पाएंगे और इससे कोरोना वायरस की चेन तोड़ने में बड़ी कामयाबी मिलेगी.
भारत अब तक 42 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन दे चुका है. सरकार का उद्देश्य है कि 2021 के अंत तक सभी 18 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की डोज दे दी जाए. हालांकि देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए बच्चों का टीकाकरण जल्द से जल्द शुरू करना जरूरी है.
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