कोरोना की महामारी है बड़ी, भारत ने दी विदेशी सहायता को भी हरी झंडी

भारत सरकार ने कोरोना की वजह से पैदा हुई आपात स्थिति को देखते हुए विदेशी मदद लेने का भी फैसला किया है.

कोरोना की महामारी है बड़ी, भारत ने दी विदेशी सहायता को भी हरी झंडी

कोरोनावायरस से लड़ाई में भारत सरकार ने विदेश से मिलनी वाली सहायता को मंजूरी दे दी है.

नई दिल्ली:

भारत सरकार ने कोरोना की वजह से पैदा हुई आपात स्थिति को देखते हुए विदेशी मदद लेने का भी फैसला किया है.  तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने अलग-अलग देशों में तैनात भारतीय राजनयिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस बात का अनुरोध किया था कि ज्यादा से ज्यादा मदद इकट्ठा करने की कोशिश करें. सरकार ने अभी हाल ही में पीएम केयर्स नाम से रिलीफ फंड बनाया है और इसमें स लोगों से दान करने की अपील है. भारत की अब तक की नीति ये रही है कि वह विदेशी सहायता नहीं लेती है. केरल बाढ़ के दौरान जब इसी तरफ की पेशकश दुबई की तरफ से की गई थी तो सरकार ने इनकार कर दिया था. विदेशी सहायता न लेने के पीछे की एक अहम वजह ये भी है कि इसे लेने वाले देश की जीडीपी की रैंकिंग प्रभावित होती है. हालांकि भारत उस अंतरराष्टरीय समिति का सदस्य नहीं है जिनमें वे देश सामिल हैं जो बड़ी बडी सहायता करते हैं. हालांकि भारत इसके बावजूद दूसरे देशों को सहायता देता रहा है. 

सूत्रों का कहना है कि पीएम केयर्स एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है और ये देश और विदेश से कोरोना से लड़ने के लिए मिलने वाली मदद के लिए बनाया गया है. क्योंकि सरकार से इस बात का अनुरोध किया गया है, इसलिए महामारी की गंभीरता को देखते हुए देश और विदेश दोनों जगहों के लोग और संस्था इसमें सहयोग दे सकते हैं.
 

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