बुजुर्ग टाइपिस्ट को नया टाइपराइटर देते लखनऊ के डीएम और एसपी
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जीपीओ के सामने फुटपाथ पर टाइपिंग का काम करने वाले बुर्जुग के साथ दुर्व्यवहार करने वाले दारोगा को राज्य सरकार ने संस्पेड कर दिया है। दरअसल दारोगा के इस अमानवीय व्यवहार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिस पर सीएम अखिलेश यादव की नजर पड़ी और उन्होंने उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का निर्देश दिया। वहीं सरकार की तरफ से उस बुजुर्ग को नया टाइपराइटर भी दिया है।
खबरों के मुताबिक, लखनऊ के गोमतीनगर में रहने वाले कृष्ण कुमार बीते 35 साल से जीपीओ के सामने फुटपाथ पर ही टाइपिंग का काम कर रोजी-रोटी चलाते रहे हैं, लेकिन आज सुबह सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार ने उनके टाइपराइटर को ठोकरे मार-मार कर तोड़ डाला।
कृष्ण कुमार के अलावा दो और टाइपिस्ट वहीं फुटपाथ पर टाइपिंग करते हैं। शनिवार सुबह वह काम शुरू करने ही वाले थे कि तभी सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार बाइक से एक सिपाही के साथ वहां पहुंचे और उनके टाइपराइटर पर लात मारनी शुरू कर दी। कृष्ण कुमार ने अपनी रोजी-रोटी का हवाला दिया, लेकिन दरोगा नहीं पसीजा और वह तब तक टाइपराइटर पर लात मारता रहा, जब तक वह टूट नहीं गया। उसके बाद वह दोबारा नजर न आने की हिदायत देकर वहां से चला गया।
कृष्ण कुमार ने टूटा फूटा टाइपराइटर जैसे-तैसे संभाला और उसे जोड़ने की कोशिश की। वह बोले कि 35 सालों से यहीं बैठकर चार पैसे कमा रहा हूं, लेकिन अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं। कृष्ण कुमार के परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी ही हैं।
हालांकि यह खबर ट्विटर और फेसबुक पर खासा वायरल हो गई और कई लोगों ने उस पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी।
इस खबर के बाद सरकार की तरफ से उन्हें नया टाइपराइट दिया गया। वहीं सीएम अखिलेश यादव की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि लखनऊ के डीएम और एसपी ने कृष्ण कुमार से मुलाकात कर पुलिसवाले के बर्बर रवैये के लिए माफी भी मांगी।
खबरों के मुताबिक, लखनऊ के गोमतीनगर में रहने वाले कृष्ण कुमार बीते 35 साल से जीपीओ के सामने फुटपाथ पर ही टाइपिंग का काम कर रोजी-रोटी चलाते रहे हैं, लेकिन आज सुबह सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार ने उनके टाइपराइटर को ठोकरे मार-मार कर तोड़ डाला।
कृष्ण कुमार के अलावा दो और टाइपिस्ट वहीं फुटपाथ पर टाइपिंग करते हैं। शनिवार सुबह वह काम शुरू करने ही वाले थे कि तभी सचिवालय चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार बाइक से एक सिपाही के साथ वहां पहुंचे और उनके टाइपराइटर पर लात मारनी शुरू कर दी। कृष्ण कुमार ने अपनी रोजी-रोटी का हवाला दिया, लेकिन दरोगा नहीं पसीजा और वह तब तक टाइपराइटर पर लात मारता रहा, जब तक वह टूट नहीं गया। उसके बाद वह दोबारा नजर न आने की हिदायत देकर वहां से चला गया।
कृष्ण कुमार ने टूटा फूटा टाइपराइटर जैसे-तैसे संभाला और उसे जोड़ने की कोशिश की। वह बोले कि 35 सालों से यहीं बैठकर चार पैसे कमा रहा हूं, लेकिन अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं। कृष्ण कुमार के परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी ही हैं।
हालांकि यह खबर ट्विटर और फेसबुक पर खासा वायरल हो गई और कई लोगों ने उस पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी।
Broke my heart to see old man fold hands to cop-bully who smashed his typewriter. So much for a gentle society. pic.twitter.com/tBPESB5fam
— Aparna Jain (@aparna_jain) September 19, 2015
इस खबर के बाद सरकार की तरफ से उन्हें नया टाइपराइट दिया गया। वहीं सीएम अखिलेश यादव की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि लखनऊ के डीएम और एसपी ने कृष्ण कुमार से मुलाकात कर पुलिसवाले के बर्बर रवैये के लिए माफी भी मांगी।
SSP and DM Lucknow met Kishan Ji and apologized for the unethical behavior of the policeman pic.twitter.com/dmmCdTBnE4
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 19, 2015
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